वडोदरा, 23 दिसंबर (भाषा) गुजरात के भरूच जिले के एक औद्योगिक क्षेत्र में अगवा किये जाने के बाद बलात्कार की शिकार हुई 11 वर्षीय मासूम बच्ची ने जिंदगी और मौत के बीच एक सप्ताह तक जंग लड़ने के बाद वडोदरा के सरकारी अस्पताल में सोमवार शाम दम तोड़ दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि बलात्कार में पीड़िता को गंभीर आंतरिक चोट पहुंची थी, जिसके बाद भरूच जिले के औद्योगिक शहर अंकलेश्वर के सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद पीड़िता को वडोदरा के एसएसजी अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था।
एसएसजी अस्पताल के रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) डॉ. हितेंद्र चौहान ने बताया, ‘‘बच्ची को अपराह्न करीब दो बजे दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। हालांकि, इलाज के बाद उसकी हालत स्थिर हो गई थी, लेकिन शाम करीब 5:15 बजे उसे फिर से दिल का दौरा पड़ा। चिकित्सकों ने उसे तुरंत उपचार दिया, लेकिन शाम 6:15 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया।’’
उन्होंने बताया कि नाबालिग लड़की की हालत तब बिगड़ गई, जब सेप्सिस (संक्रमण या चोट के कारण जीवन को खतरा पैदा करने वाली प्रतिक्रिया) उसके पूरे शरीर में फैल गई, जिससे उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया और दिल का दौरा पड़ा।
पुलिस के अनुसार, पिछले सोमवार (16 दिसंबर) को बच्ची अपनी झोपड़ी के पास खेल रही थी, लेकिन तभी औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी ने उसे अगवा कर लिया था। पुलिस ने बताया कि वह उसे पास की झाड़ियों में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने बताया कि इसके बाद आरोपी ने बच्ची को वहीं घायल अवस्था में छोड़ दिया और फरार हो गया।
पुलिस ने इस मामले के एक दिन बाद झारखंड के रहने वाले 36 वर्षीय आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता दीपिका पांडेय सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले सप्ताह वडोदरा के अस्पताल जाकर पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने प्रवासी मजदूरों को लेकर गुजरात सरकार पर भी निशाना साधा।
उन्होंने पीड़िता के परिजनों को चार लाख रुपये का चेक भी दिया।
गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता ऋषिकेश पटेल ने कहा कि कांग्रेस बलात्कार जैसे गंभीर अपराध का राजनीतिकरण कर रही है।
भाषा प्रीति दिलीप
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