नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान (आईसीएआई) के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने सोमवार को उम्मीद जताई कि इस वित्त वर्ष में निकाय भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्मों के लिए अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दे देगा।
फिलहाल भारतीय चार्टर्ड अकाउटेंट (सीए) फर्मों की अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं होने से उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
चार लाख से अधिक सदस्यों वाला आईसीएआई देश को वैश्विक लेखा और लेखा परीक्षा केंद्र बनाने के बड़े प्रयासों के तरीकों पर काम कर रहा है।
अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि संस्थान अंतरराष्ट्रीय नेटवर्किंग दिशानिर्देशों पर काम कर रहा है, क्योंकि उसका लक्ष्य भारतीय सीए फर्मों को बड़ा और वैश्विक बनाना है।
उन्होंने कहा कि सीए फर्मों के एकीकरण के संबंध में संस्थान ने कुछ रणनीतियां तैयार की हैं और इस संबंध में पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं। मसलन, यदि दो सीए कंपनियां विलय कर रही हैं तो उन्हें पहले विलय के पांच साल बाद अलग होने की अनुमति नहीं होती थी। लेकिन अब इस समयावधि को बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है।
इसके साथ ही संस्थान उन मानदंडों को आसान बनाने का प्रयास कर रहा है जो सीए को अपनी सेवाओं का विज्ञापन करने या ग्राहकों को आकर्षित करने से रोकते हैं।
आईसीएआई अध्यक्ष ने कहा कि संस्थान परिवर्तनों को अंतिम रूप देगा और उन्हें सरकारों को भेजेगा। इन बदलावों को लागू करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट अधिनियम, 1949 में संशोधन करने की जरूरत है।
इसके साथ ही अग्रवाल ने कहा कि आईसीएआई ने कुछ ऑडिटिंग मानकों में प्रस्तावित बदलावों को लेकर कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय को अपनी आपत्तियों से अवगत करा दिया है। आईसीएआई और राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) के बीच एसए 600 और एसए 299 में प्रस्तावित बदलावों को लेकर असहमति है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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