नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) साधारण बीमा उद्योग का शुद्ध प्रीमियम के अनुपात में दावा 2023-24 के दौरान मामूली रूप से घटकर 82.52 प्रतिशत रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह 82.95 प्रतिशत था। बीमा नियामक इरडा की सालाना रिपोर्ट में यह कहा गया है।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में गैर-जीवन बीमा उद्योग ने देश में सालाना आधार पर 12.76 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कुल 2.90 लाख करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष प्रीमियम प्राप्त किया।
सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों का योगदान 2023-24 में 8.88 प्रतिशत बढ़कर 90,252 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले यह 82,891 करोड़ रुपये था।
साधारण बीमा कंपनियों का कुल लाभ 2023-24 में 10,119 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2,566 करोड़ रुपये था।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले वित्त वर्ष में सकल रूप से शुद्ध दावे 15.39 प्रतिशत बढ़कर 1.72 लाख करोड़ रुपये हो गए जो एक साल पहले 1.49 लाख करोड़ रुपये था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘साधारण बीमा उद्योग का दावा अनुपात (शुद्ध अर्जित प्रीमियम पर शुद्ध दावा) 2023-24 के दौरान 82.52 प्रतिशत था, जबकि पिछले वर्ष यह 82.95 प्रतिशत था।’’
सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के लिए व्यय दावा अनुपात 2023-24 में 97.23 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले वर्ष में यह अनुपात 99.02 प्रतिशत था।
निजी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों, स्वास्थ्य बीमाकर्ताओं और विशेष बीमाकर्ताओं के लिए व्यय दावा अनुपात 2023-24 में क्रमशः 76.49 प्रतिशत, 63.63 प्रतिशत और 66.58 प्रतिशत था, जबकि इससे पिछले वर्ष में यह क्रमश: 75.13 प्रतिशत, 61.44 और 73.71 73.71 प्रतिशत था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जीवन बीमा उद्योग ने 2023-24 में 5.77 लाख करोड़ रुपये का कुल लाभ दिया, जो शुद्ध प्रीमियम का 70.22 प्रतिशत है।
भाषा रमण प्रेम
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