अगरतला, 23 दिसंबर (भाषा) त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने सोमवार को कहा कि पार्टी राज्य में मंडल समितियों के अध्यक्ष के रूप में 90 प्रतिशत से अधिक नए चेहरों को लेकर आई है, जो पुराने लोगों की जगह लेंगे।
वर्ष 2023 के राज्य चुनावों में पार्टी की सीट की संख्या 36 से घटकर 32 हो जाने के बाद विधानसभा स्तर पर संगठनात्मक ढांचे में यह बदलाव शुरू किया गया।
मंडल अध्यक्षों के चयन के लिए पार्टी के चुनाव अधिकारी (आरओ) समरेंद्र चंद्र देब ने सोमवार को 60 मंडल अध्यक्षों के नामों की घोषणा की।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘60 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मंडल अध्यक्षों के चयन के दौरान हमने सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया क्योंकि पार्टी सबका साथ सबका विकास में विश्वास करती है। नव चयनित मंडल अध्यक्षों में तीन प्रतिशत महिलाएं हैं, 23 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 18 प्रतिशत अनुसूचित जाति और 36 प्रतिशत सामान्य वर्ग से हैं।’’
देब ने कहा कि पार्टी ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष तय किए जाने के साथ लगभग सभी समितियों को नए प्रमुख मिल गए हैं।
त्रिपुरा में 45 वर्ष से कम उम्र के भाजपा कार्यकर्ता अब मंडल अध्यक्ष के लिए पात्र होंगे, क्योंकि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी की प्रदेश इकाई को विधानसभा क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने के लिए नए चेहरे लाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि जो लोग मंडल अध्यक्ष के तौर पर दो कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें स्थानीय स्तर पर पार्टी का नेतृत्व करने का दूसरा मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘60 मंडल अध्यक्षों में से करीब 90 प्रतिशत नए चेहरे हैं। पार्टी ने नए चेहरों को आगे लाने के लिए उचित दिशा-निर्देशों का पालन किया है।’’
मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार को सभी 60 विधानसभा क्षेत्रों के नए मंडल अध्यक्षों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने ‘फेसबुक’ पर लिखा, ‘‘नवनियुक्त मंडल अध्यक्षों को बधाई। मेरा दृढ़ विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व में पार्टी और अधिक मजबूत होगी।’’
भाजपा की त्रिपुरा इकाई के महासचिव अमित रक्षित ने कहा कि युवा नेताओं को पार्टी की सेवा करने का उचित मौका देने के लिए दिल्ली से मिले निर्देश के बाद नए चेहरों को मंडल अध्यक्ष नियुक्त करने का कदम उठाया गया है।
भाषा सुरभि आशीष
आशीष