भारतीय टीम में 20 विकेट लेने की क्षमता बहुत अच्छी नहीं है: पुजारा |

Ankit
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मेलबर्न, 23 दिसंबर (भाषा) चेतेश्वर पुजारा ने सोमवार को कहा कि ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर रही भारतीय टीम का गेंदबाजी आक्रमण उतना मजबूत नहीं है जो वह एक टेस्ट मैच में 20 विकेट ले सके तथा यह बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के अंतिम दो मैच में टीम के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय होगा।


भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैच की श्रृंखला अभी 1–1 से बराबर है। अगले दो टेस्ट मैच मेलबर्न और सिडनी में खेले जाएंगे।

भारत अभी तक गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह कर बहुत अधिक निर्भर रहा है। उन्होंने लाल और गुलाबी गेंद से अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उन्हें दूसरे छोर से पर्याप्त सहयोग नहीं मिल पा रहा है।

पुजारा ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, ‘‘मेरा सबसे बड़ा सवाल और थोड़ी चिंता का कारण यह है कि भारतीय गेंदबाजी थोड़ी कमजोर दिख रही है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बल्लेबाजी थोड़ी बेहतर है भले ही चोटी के पांच बल्लेबाज अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं लेकिन मध्यक्रम और निचले मध्यक्रम के बल्लेबाज जैसे कि रविंद्र जडेजा और नीतीश रेड्डी तथा यहां तक कि बुमराह और आकाशदीप भी बल्ले से अपना योगदान दे रहे हैं।’’

पुजारा ने कहा, ‘‘अब जबकि गेंदबाजी कमजोर है तो फिर टीम संयोजन क्या होगा। यह सबसे बड़ा सवाल है क्योंकि आप नीतीश को बाहर नहीं कर सकते, जडेजा को बाहर नहीं कर सकते, तो फिर टीम का संयोजन क्या होगा।’’

इस बल्लेबाज को लगता है कि नीतीश रेड्डी और रविंद्र जडेजा चौथे और पांचवें गेंदबाज की भूमिका अच्छी तरह से नहीं निभा पा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘रविचंद्रन अश्विन ने संन्यास ले लिया है और मुझे नहीं लगता कि हम मेलबर्न में दो स्पिनर के साथ उतरेंगे। ऐसे में आप अपनी गेंदबाजी को कैसे मजबूत करेंगे। क्योंकि तीनों तेज गेंदबाज अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन चौथे और पांचवें गेंदबाज के रूप में नीतीश और जडेजा से उन्हें पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है। अगर आप इन दोनों को जोड़ कर देखते हैं तो गेंदबाजी बहुत अच्छी नजर नहीं आती है। ’’

पुजारा ने कहा, ‘‘हमें इस पर विचार करना होगा क्योंकि अगर आप टेस्ट मैच जीतना चाहते हैं तो आपको 20 विकेट लेने होंगे तथा हमारी 20 विकेट लेने की क्षमता अच्छी नहीं है। हमारे अन्य गेंदबाज सहयोगी की अपनी भूमिका अच्छी तरह से नहीं निभा पा रहे हैं। इसलिए हमें इस विभाग में जल्द से जल्द सुधार करना होगा तथा यह कैसा होगा मैं नहीं जानता लेकिन यह बड़ा सवाल है।’’

भाषा पंत सुधीर

सुधीर



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