नई दिल्ली: National Farmers Day भारत में हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। इसे किसान दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन का उद्देश्य किसानों के योगदान को सम्मानिक करना और कृषि क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं पर जागरूकता फैलाना। यह दिन खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बनाए रखने और देश की कृषि विरासत को संरक्षित करने में किसानों की अहम भूमिका की याद दिलाता है। आइए जानते है 23 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय किसान दिवस?
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23 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय किसान दिवस?
National Farmers Day दरअसल, 23 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाई जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसान नेता भी थे और वे देश के किसान समुदाय और किसानों के अधिकारों और क्लाण की वकालत की थी। इसलिए 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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किसानों के मसीहा थे चौधरी चरण सिंह
भारत रत्न चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ था। किसान परिवार में जन्में चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकारों को बढ़ावा देने, उनकी उपज के लिए उचित और न्यायपूर्ण मूल्य की वकालत की थी। उनके कार्यों और नीतियों ने उन्हें किसानों के मसीहा के रूप में स्थापित किया। पहली बार चरण सिंह 1967 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इससे पहले उन्होंने मंत्री रहते हुए कई विभागों को संभाला था।
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किसान दिवस का महत्व
किसान दिवस भारत की अर्थव्यवस्था, ग्रामीण विकास और खाद्य सुरक्षा को बनाए रखने में किसानों की अहम भूमिका को दिखाता है। यह दिन उचित मूल्य निर्धारण, जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, टिकाऊ कृषि पद्धतियों और आधुनिक तकनीकों तक पहुंच जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर भी देता है।
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राष्ट्रीय किसान दिवस 23 दिसंबर को मनाया जाता है क्योंकि यह दिन पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती है। वे किसान नेता थे और किसानों के अधिकारों के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए थे।
किसान दिवस का महत्व भारतीय किसानों के योगदान को सम्मानित करने और उनकी समस्याओं पर जागरूकता फैलाने में है। यह दिन खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए किसानों की अहम भूमिका को रेखांकित करता है।
चौधरी चरण सिंह ने किसानों के अधिकारों के लिए काम किया और उनकी उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नीतियाँ बनाई। वे भारतीय किसानों के लिए ‘किसान मसीहा’ के रूप में प्रसिद्ध हैं।
जी हां, किसान दिवस पर विभिन्न राज्यों और केंद्र में किसानों के कल्याण के लिए कार्यक्रम, चर्चाएँ और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं। इस दिन कृषि क्षेत्र के मुद्दों पर विचार-विमर्श भी किया जाता है।
राष्ट्रीय किसान दिवस की शुरुआत 23 दिसंबर 2001 में हुई थी, जब इस दिन को चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में मनाने का फैसला किया गया। उनका योगदान और किसानों के लिए उनकी नीतियों को सम्मानित करने के लिए यह दिन निर्धारित किया गया।