‘आप’ ने केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की मंजूरी के दावों को खारिज किया

Ankit
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नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी समेत आम आदमी पार्टी के नेताओं ने शनिवार को उन दावों को खारिज कर दिया कि उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय को मंजूरी दे दी है।


हालांकि, इस मुद्दे पर उपराज्यपाल (एलजी) कार्यालय से तत्काल कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने बताया कि आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी अभी तक नहीं मिली है।

आप के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया (जो आबकारी नीति मामले में भी आरोपी हैं) ने एक बयान में कहा, ‘ईडी को (केजरीवाल के खिलाफ) मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने की खबरें झूठी हैं। अगर उपराज्यपाल ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी, तो ईडी उसकी प्रति क्यों नहीं दिखा रही है।’

मुख्यमंत्री आतिशी ने दावा किया कि उपराज्यपाल द्वारा मुकदमा चलाने की मंजूरी देने की खबरें केवल ‘लोगों को गुमराह करने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने’ के लिए फैलाई जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भाजपा को ऐसी ‘साजिशें’ बंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘अगर उपराज्यपाल ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है, तो ईडी को इसकी प्रति सार्वजनिक करने में समस्या क्यों है?’

आप के राज्यसभा सदस्य और आबकारी नीति मामले में आरोपी संजय सिंह ने दावा किया, ‘उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने मुकदमा चलाने की कोई मंजूरी नहीं दी है।’

उन्होंने कहा कि अगर ईडी को इस संबंध में कोई पत्र मिला है, तो उसे सार्वजनिक करना चाहिए।

इस बीच, नयी दिल्ली से भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने आप पर पलटवार करते हुए दावा किया कि केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की आशंका से उसके नेता घबरा गए हैं।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘यदि उपराज्यपाल केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति देते हैं, तो आप सरकार में भ्रष्टाचार मुख्य राजनीतिक मुद्दा बन जाएगा, जिसे ‘टीम केजरीवाल’ विधानसभा चुनाव से पहले नहीं चाहती है।’

उन्होंने दावा किया, ‘सच्चाई यह है कि केजरीवाल के खिलाफ पहले से ही मामले दर्ज हैं और ‘टीम केजरीवाल’ को पता है कि इस मंजूरी से उनके खिलाफ चल रहे मामलों में तेजी आ सकती है, जिससे निकट भविष्य में उन्हें जेल की सजा हो सकती है।’

इस साल मार्च में, ईडी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री केजरीवाल को अब वापस ली जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति (2021-22) से जुड़े़ धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद उन्हें 13 सितंबर को जेल से रिहा किया गया था।

भाषा

शुभम दिलीप

दिलीप



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