नयी दिल्ली, 15 दिसंबर (भाषा) उूर्द के मशहूर शायर मिर्जा गालिब की जयंती पर दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘रिमेम्बरिंग गालिब’ समारोह रविवार को शुरू हुआ।
यहां जारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक दिल्ली सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग के तहत साहित्य कला परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत चांदनी चौक स्थित टाउन हॉल से बल्लीमारान स्थित गालिब की हवेली तक मोमबत्ती मार्च के साथ हुई।
इसके मुताबिक कथक नृत्यांगना पद्म भूषण उमा शर्मा द्वारा परिकल्पित इस कार्यक्रम का उद्देश्य गालिब के जीवन और कार्यों के सार को समकालीन पाठकों, विशेषकर युवा पीढ़ी तक पहुंचाना है, साथ ही दिल्ली की सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालना है।
समारोह का पहला दिन गालिब की ‘हवेली’ में ‘महफिल-ए-गजल’ के साथ समाप्त हुआ, जहां उस्ताद इमरान खान ने गालिब के कुछ सबसे प्रसिद्ध शेरों को पढ़ा जिनमें ‘हजारों ख्वाहिशें ऐसी’, ‘ये ना थी हमारी किस्मत’ और ‘ग़म-ए-हस्ती का असद’ शामिल थी।
दिल्ली के संस्कृति और भाषा मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस मौके पर कहा, ‘‘मिर्जा गालिब की शायरी समय से परे है, मानवीय भावनाओं की गहराई और शहर की सांस्कृतिक विरासत का सार दर्शाती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह उत्सव न केवल गालिब की प्रतिभा को श्रद्धांजलि है, बल्कि उनके द्वारा छोड़ी गई समृद्ध साहित्यिक विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।’’
भाषा धीरज नरेश
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