घुड़सवारी में घोड़े को एथलीट माना जाए या उपकरण, उठे सवाल |

Ankit
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नई दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) उन्हें एथलीट कहा जाए या उपकरण, या फिर उन्हें वही कहा जाए जो वे हैं, घोड़े। भारतीय घुड़सवारी महासंघ (ईएफआई) उन्हें एथलीटों के साथ जोड़ना चाहता है लेकन लेकिन घुड़सवारों ने ऐसी किसी चीज के लिए जोर देने के खिलाफ सावधानी बरतने का आग्रह किया है जो आगे चलकर चीजों को ‘जटिल’ कर सकती है।


दिल्ली उच्च न्यायालय असल में ईएफआई के प्रशासन पर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें उस पर निजी क्लबों और संस्थानों को मतदान का अधिकार देकर राष्ट्रीय खेल संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। यह मामला ईएफआई से मान्यता प्राप्त राजस्थान की इकाई ने दायर किया गया है जो चाहता है कि यह अधिकार केवल राज्य संघों के पास हो।

एक सुनवाई के दौरान ईएफआई ने यह असंबंधित दलील दी जिसने खेल का अनुसरण करने वालों के साथ-साथ इसमें शामिल लोगों की भी रुचि जगाई।

एशियाई खेल 1998, 2002 और 2006 में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे राजेश पट्टू ने ईएफआई की पूरी दलील को खारिज करते हुए पीटीआई से कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि घोड़ा एथलीट है या उपकरण क्योंकि वह भारतीय घुड़सवारी महासंघ के चुनावों में मतदान नहीं करने जा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ईएफआई इस तरह की अप्रासंगिक दलील देकर अदालत का समय बर्बाद कर रहा है। इसका निर्वाचन मंडल से कोई लेना-देना नहीं है जो कि मुख्य मामला है।’’

ओलंपिक (तोक्यो ओलंपिक 2021) के लिए क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय घुड़सवार फवाद मिर्जा घोड़ों को एथलीट के रूप में वर्गीकृत करने के पक्ष में हैं लेकिन उन्होंने इस तरह के कदम से आने वाली जटिलताओं के बारे में चेतावनी भी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से मैं अपने घोड़े को एक एथलीट मानता हूं। मैं अपने घोड़े को एक पेशेवर और उच्च श्रेणी के एथलीट के रूप में देखता हूं। दूसरी ओर यदि आप उन्हें कानूनी चीजों के संबंध में, कानूनी व्यक्ति के रूप में, कानून के माध्यम से, या उन्हें पुरस्कृत करके मानवीय बनाने की कोशिश करते हैं तो यह काफी कठिन और जटिल हो जाता है।’’

मिर्जा ने कहा, ‘‘वे आखिरकार जानवर हैं और अगर आप मानवीय चीजों और विचारों तथा कानून को जोड़ने की कोशिश करते हैं तो मुझे लगता है कि यह स्थिति को जटिल बनाता है।’’

मिर्जा और पट्टू दोनों फिलहाल जर्मनी के सारब्रुकेन में ट्रेनिंग ले रहे हैं।

घुड़सवारी खेल की अंतरराष्ट्रीय संचालन संचालन संस्था अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी महासंघ (एफईआई) का संविधान एथलीट को ‘एफईआई प्रतियोगिता में भाग लेने वाले किसी भी व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है। ऐसा व्यक्ति राइडर, ड्राइवर, लंगर या वॉल्टर तक सीमित नहीं हो सकता है।’’

एफईआई के 2023 के कानून में घोड़े की नहीं बल्कि एथलीट की परिभाषा है। अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में एफईआई एथलीट और घोड़ों को अलग-अलग सूचीबद्ध करता है।

ईएफआई भी एफईआई का एक सदस्य महासंघ है लेकिन ऐसा लगता है कि इसने इटली से सीख ली है जो कानून के माध्यम से घोड़ों को एथलीट के रूप में वर्गीकृत करने वाला पहला देश है।

भाषा सुधीर नमिता

नमिता



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