चक्रवर्ती के पांच विकेट के बावजूद दक्षिण अफ्रीका ने भारत को तीन विकेट से हराया

Ankit
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गक्बेरहा, 10 नवंबर (भाषा) वरुण चक्रवर्ती ने करियर की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए पांच विकेट झटके लेकिन ट्रिस्टन स्टब्स की सूझबूझ भरी बल्लेबाजी से दक्षिण अफ्रीका ने चार मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दूसरे मुकाबले में रविवार को यहां भारत को तीन विकेट से हराकर श्रृंखला को 1-1 से बराबर किया।


दक्षिण अफ्रीका ने भारत को छह विकेट पर 124 रन पर रोकने के बाद 19 ओवर में सात विकेट पर 128 बनाकर पिछले 11 मैचों से इस प्रारूप में चले आ रहे जीत के क्रम को रोक दिया।

चक्रवर्ती ने चार ओवर में 17 रन पर पांच विकेट लेकर मैच पर भारत की पकड़ बनायी लेकिन ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ स्टब्स ने 41 गेंद की नाबाद पारी में सात चौके की मदद से 47 रन बनाने के साथ आठवें विकेट के लिए गेराल्ड कोएट्जी के साथ 20 गेंद में 42 रन की अटूट साझेदारी से टीम को लक्ष्य के पार पहुंचाया। कोएट्जी ने नौ गेंद में नाबाद 19 रन की आक्रामक पारी खेली।

भारत के लिए अर्शदीप सिंह और रवि बिश्नोई को एक-एक सफलता मिली। स्पिनरों के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के संघर्ष के बावजूद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव का अक्षर पटेल से सिर्फ एक ओवर गेंदबाजी करने का फैसला समझ से परे रहा। अक्षर ने पारी के 10वें ओवर में  सिर्फ दो रन दिये थे।

चार मैचों की इस श्रृंखला के शुरुआती मैच को 61 रन से जीतने वाली भारतीय टीम के लिए अनुभवी हार्दिक पंड्या ने सबसे ज्यादा नाबाद 39 रन का योगदान दिया। उन्होंने 45 गेंद की पारी में चार चौके और एक छक्का लगाया।

दक्षिण अफ्रीका ने पहले ओवर से ही शिकंजा कसे रखा और शुरुआती चार ओवर में 15 रन पर तीन विकेट चटकाकर भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। टीम के लिए मार्को यानसेन, कोएट्जी, एडेन मारक्रम, नकाबायोमजी पीटर, एंडिले सिमेलेन ने एक-एक विकेट चटकाये।

लक्ष्य का पीछा करते हुए रियान रिकल्टन ने अर्शदीप तो वहीं रीजा हेंड्रिक्स ने आवेश खान के खिलाफ चौका जड़ा दक्षिण अफ्रीका को तेज शुरुआत दिलायी। अर्शदीप ने हालांकि अपनी धीमी गेंद पर रिकल्टन की 13 रन की पारी को रिंकू के हाथों कैच कराकर खत्म किया।

हेंड्रिक्स ने हार्दिक के खिलाफ पांचवें ओवर में छक्का लगाया लेकिन चक्रवर्ती ने छठे ओवर में कप्तान मारक्रम ( तीन) और आठवें ओवर में हेंड्रिक्स (24) को बोल्ड कर दोहरी सफलता हासिल की।

यानसेन ने रवि बिश्नोई के खिलाफ चौका लगाया तो वहीं अक्षर ने 10वें ओवर में सिर्फ दो रन दिये जिससे दक्षिण अफ्रीका ने अपनी पारी के बीच में तीन विकेट पर 57 रन बनाये।

स्टब्स ने चक्रवर्ती के खिलाफ चौका लगाया लेकिन इस अबूझ स्पिनर ने अपनी अगली चार गेंद के अंदर यानसेन (सात), हेनरिच क्लासेन (दो) और डेविड मिलर (शून्य) को चलता कर मैच पर भारत की पकड़ मजबूत कर दी। यानसेन और मिलर बोल्ड हुए तो वहीं क्लासेन का कैच रिंकू सिंह ने लपका।

स्टब्स ने 14वें ओवर में रवि बिश्नोई के खिलाफ चौका लगाकर बाउंड्री के 18 गेंद के सूखे को खत्म किया। इस लेग स्पिनर ने अपने अगले ओवर में सिमेलेन (सात) को बोल्ड किया लेकिन कोएट्जी ने क्रीज पर आते ही अर्शदीप के खिलाफ छक्का तो वहीं स्टब्स ने चौका लगाकर दक्षिण अफ्रीका के रनों का शतक पूरा कर से दबाव कम कर दिया।

कोएट्जी ने अगले ओवर में आवेश का स्वागत लगातार दो चौके से किया जबकि स्टब्स ने अर्शदीप के खिलाफ 19वें ओवर में चार चौके के साथ दक्षिण अफ्रीका की जीत पक्की कर दी।

    इससे पहले यानसेन ने पहले ओवर में ही पिछले दो मैचों में शतक जड़ने वाले संजू सैमसन को खाता खोले बगैर बोल्ड किया। अभिषेक शर्मा (चार) ने कोएट्जी पर चौके के साथ अपना और टीम का खाता खोला लेकिन शॉटपिच गेंद को हवा में लहराकर यानसेन को कैच थमा बैठे।

तिलक वर्मा ने यानसेन के खिलाफ चौका लगाया लेकिन दूसरी छोर से कप्तान सूर्यकुमार यादव संघर्ष करन रहे थे। वह पारी के चौथे ओवर में आठ गेंद पर चार रन बनाकर सिमेलेन की गेंद पर पगबाधा हो गये।

वर्मा ने कोएट्जी के खिलाफ गेंद को स्टेडियम के बाहर पहुंचाकर भारतीय पारी का पहला छक्का जड़ा तो वहीं अक्षर ने छठे ओवर में सिमेलेन के खिलाफ दो चौके लगाये जिससे पावर प्ले में टीम का स्कोर तीन विकेट पर 34 रन हो गया।

वर्मा ने रनगति को तेज करने की कोशिश में  मारक्रम की गेंद पर आक्रामक शॉट लगाया लेकिन कवर क्षेत्र में मिलर ने शानदार कैच लपककर उनकी 20 गेंद में 20 रन की पारी को खत्म किया।

अक्षर ने 10वें ओवर की आखिरी गेंद पर पीटर के खिलाफ चौका लगाया जिससे पहली बार टीम का रनरेट छह के पार हुआ। वह हालांकि 12वें ओवर में बदकिस्मत तरीके से रन आउट हो गये। हार्दिक पंड्या के बल्ले से निकली गेंद पीटर के हाथों से छूते हुए दूसरे छोर पर विकेटों से टकरा गयी और अक्षर क्रीज से बाहर थे। उन्होंने 21 गेंद में चार चौके की मदद से 27 रन बनाये।

सातवें क्रम पर बल्लेबाजी के लिए आये रिंकू सिंह (नौ) भी बल्ले से प्रभावी योगदान देने में नाकाम रहे और 16वें ओवर में पीटर की गेंद पर कोएट्जी को कैच दे बैठे। अर्शदीप सिंह ने इस ओवर को छक्के के साथ खत्म किया।

एक छोर से संभल कर खेल रहे हार्दिक ने 17वें ओवर में कोएट्जी के खिलाफ चौका लगाकर टीम के रनों का शतक पूरा किया और फिर यानसेन के खिलाफ अगले ओवर में छक्का और दो चौके के साथ रनगति को तेज किया।

उन्होंने पारी की आखिरी गेंद पर पर चौके के साथ टीम को संघर्ष करने लायक स्कोर तक पहुंचाया।

भाषा

आनन्द

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