भाजपा की जनविरोधी नीतियों के चलते त्योहारों के रंग फीके हो गए : अखिलेश |

Ankit
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लखनऊ, 31 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार को मंहगाई पर घेरते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जनविरोधी नीतियों के चलते त्योहारों के रंग फीके हो गए हैं।


यादव ने कहा कि भाजपा राज की ‘महामंहगाई‘ में पुराना मुहावरा ‘मंहगे तेल ने जनता का तेल निकाला’ प्रासंगिक हो गया है तथा भाजपाई अर्थशास्त्र में मूल्य बढ़ने का कारण ‘मांग बढ़ना‘ नहीं, बल्कि बेलगाम ‘मुनाफाखोरी‘ है।

पार्टी द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘मुनाफाखोरी‘ और ‘बोरी की चोरी‘ दोनों के लिए जानी जाती है।

उन्होंने कहा, ‘‘ जनसामान्य जहां दैनिक जीवन में तमाम परेशानियों से गुजर रहा है। वहीं सरकार बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित कर न जाने किस विकास का बखान करती है। प्रदेश में विकास के नाम पर यदि कुछ हो रहा है तो वह है अपराध और अपराधियों का विकास।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा दिवाली के पावन पर्व पर भाजपा भले ही उत्सव या महोत्सव का रिकॉर्ड बना ले, लेकिन हकीकत यह है कि इस प्रदेश के अधिकांश लोग अंधेरे में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं।

उन्होंने दावा किया कि कर्मचारियों को कई महीनों से वेतन नहीं मिला तथा संविदाकर्मी कर्मचारी सबसे ज्यादा बदहाल हैं।

यादव ने कहा, “भाजपा सरकार ने प्रदेश को अंधेरे में डुबो दिया है। बिजली संकट से लोग त्रस्त हैं। किसानों को न गन्ने का बकाया मूल्य मिला है और न ही उनकी आय दोगुनी हुई है। नौजवानों की जिंदगी में अंधेरा है। रोटी-रोजगार की कोई गुंजाइश नहीं है।”

उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के लाखों करोड़ के निवेश के दावे कितने खोखले हैं, इसी से साबित होता है कि भाजपा सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए कोई जमीन चिन्हित नहीं की है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “सच तो यह है कि दीपावली के पावन पर्व पर भाजपा सरकार ने देश की तस्वीर को ही धुंधला बना दिया है। जीवन और स्वास्थ्य की रक्षा की पूरी तरह उपेक्षा है।”

उन्होंने कहा कि नाकाम भाजपा सरकार का इस पर्व पर यही संदेश है कि उन पर भरोसा करना धोखा होगा तथा ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) ही जनता के लिए रक्षा का विकल्प है।

भाषा जफर नोमान

नोमान



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