नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के दूसरी तिमाही के लाभ में 98.6 प्रतिशत की भारी गिरावट आने का मुख्य कारण माल भंडार के स्तर पर नुकसान रहा है जबकि इसका परिचालन प्रदर्शन मजबूत रहा। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को यह बात कही।
इंडियन ऑयल ने सोमवार को जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे जारी करते हुए कहा था कि आलोच्य अवधि में उसका एकल आधार पर शुद्ध लाभ 180.01 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले की समान तिमाही में 12,967.32 करोड़ रुपये था। अप्रैल-जून अवधि में उसे 2,643.18 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था।
आईओसी के निदेशक (वित्त) अनुज जैन ने इस प्रदर्शन पर कहा कि कंपनी को जुलाई-सितंबर में भंडारित माल के स्तर पर 4,200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है जबकि साल भर पहले की समान अवधि में उसे भंडारित माल के स्तर पर लगभग 8,300 करोड़ रुपये मिले थे।
देश की सबसे बड़ी तेलशोधन एवं विपणन कंपनी आईओसी बाजार के लगभग आधे हिस्से को नियंत्रित करती है। भारतीय ईंधन आपूर्ति प्रणाली की रीढ़ होने की वजह से कंपनी को कीमत या ढुलाई लागत की परवाह किए बिना भंडार और आपूर्ति बनाकर रखनी पड़ती है।
जैन ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से जब भी वैश्विक तेल की कीमतों में गिरावट देखी है, कंपनी को माल भंडार के स्तर पर नुकसान उठाना पड़ा है। आईओसी ने दूसरी तिमाही में कच्चे तेल के एक बैरल को ईंधन में बदलने पर केवल 1.59 डॉलर कमाये, जबकि एक साल पहले इसका सकल रिफाइनिंग मार्जिन 18.11 डॉलर प्रति बैरल था।
उन्होंने कहा, ‘‘माल भंडार स्तर पर हुआ नुकसान और रिफाइनिंग मार्जिन में आई गिरावट पिछले साल और चालू वर्ष के लाभ में आए अंतर की प्रमुख वजह है।’’
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