बर्लिन, 29 अक्टूबर (एपी) जर्मनी ने अमेरिका में रहने वाले ईरान मूल के जर्मन नागरिक जमशेद शर्महद को 2020 में ईरानी सुरक्षाबलों द्वारा दुबई से अगवा करने और उसे मृत्युदंड दिये जाने को लेकर मंगलवार को ईरान के सामने विरोध दर्ज कराया और परामर्श के लिए अपने राजदूत को बर्लिन वापस बुला लिया।
(जर्मन) विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर लिखा कि तेहरान के इस कदम पर ‘अपना तीखा विरोध’ दर्ज कराने के लिए यहां ईरान के दूतावास प्रभारी को तलब किया गया।
मंत्रालय ने कहा कि उसे ‘आगे का कदम’ उठाने का अधिकार है। हालांकि उसने इस कदम के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
उसने कहा कि साथ ही, जर्मन राजदूत मार्कस पोत्जेल ने ईरान के विदेश मंत्री के सामने ‘जमशेद शर्महद की हत्या का कड़ा विरोध’ किया ।
उसके बाद जर्मन विदेश मंत्री अन्नालेना बैरबॉक ने पोत्जेल को परामर्श के लिए बर्लिन वापस बुला लिया।
शर्महद (69) को सोमवार को आतंकवाद के आरोपों में मौत की सजा दी गयी थी। ईरान की न्यायपालिका ने यह कहा।
उससे पहले 2023 में सुनवाई हुई थी जिसे अमेरिका तथा अंतरराष्ट्रीय (मानवाधिकार) संगठनों ने दिखावा बताकर खारिज कर दिया।
वह हाल के वर्षों में विदेश में मौजूद कई ईरानी असंतुष्टों में से एक थे, जिन्हें धोखे से या अपहरण करके ईरान वापस लाया गया था, क्योंकि तेहरान ने जर्मनी समेत विश्व शक्तियों के साथ 2015 के परमाणु समझौते के टूटने के बाद ऐसे तत्वों को निशाना बनाना शुरू किया।
ईरान ने कैलिफोर्निया के ग्लेनडोरा में रहने वाले शर्महद पर 2008 में एक मस्जिद पर हमले की योजना बनाने का आरोप लगाया था, जिसमें पांच महिलाओं और एक बच्चे सहित 14 लोग मारे गए थे और 200 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
उसने यह भी आरोप लगाया कि शर्महद ने ईरान की अल्पज्ञात ‘किंगडम असेंबली’ और उसके ‘टोंडर’ उग्रवादी प्रकोष्ठ के माध्यम से अन्य हमलों की भी साजिश रची थी।
ईरान का शर्महद पर 2017 में एक टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड के मिसाइल स्थलों की ‘गोपनीय सूचना सार्वजिनक करने’ का भी आरोप है।
एपी राजकुमार माधव
माधव