भाकपा (माले) लिबरेशन ने स्मार्ट बिजली मीटर के मुद्दे पर बिहार ‘बंद’ की धमकी दी

Ankit
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पटना, 27 अक्टूबर (भाषा) विपक्षी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (माले) लिबरेशन ने रविवार को धमकी दी कि अगर नीतीश कुमार नीत सरकार ने ‘स्मार्ट प्रीपेड’ बिजली मीटर लगाने का काम बंद नहीं किया तो वे ‘बिहार बंद’ का आह्वान करेंगे।


भाकपा(माले) लिबरेशन ने दावा किया कि इन मीटरों की वजह से बिजली बिलों में बढ़ोतरी हुई है।

पार्टी ने यहां ‘बदलो बिहार न्याय सम्मेलन’ में पारित प्रस्ताव में इस पहल को तत्काल वापस लेने की मांग की और दावा किया कि इससे जनता में ‘जबरदस्त गुस्सा’ है।

प्रस्ताव में दावा किया गया, “स्मार्ट प्रीपेड बिजली मीटर लगाना सरकार द्वारा गरीबों से पैसे ऐंठने का प्रयास है। यह पूरी तरह से अनुचित है और इससे लोगों में जबरदस्त गुस्सा है। यह जनविरोधी और गरीब विरोधी योजना है। बिजली बिलों में कई गुना वृद्धि हुई है, जिससे उपभोक्ताओं पर भारी वित्तीय बोझ पड़ रहा है।”

प्रस्ताव के मुताबिक, “हम ऐसा नहीं होने देंगे। अगर एक महीने के भीतर इस योजना को वापस नहीं लिया गया, तो पार्टी बिहार बंद का आह्वान करेगी।”

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा भाकपा (माले) लिबरेशन ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ‘हिंदू स्वाभिमान यात्रा’ की कड़ी आलोचना की और इसे ‘नफरती अभियान’ करार दिया।

प्रस्ताव में कहा गया, “केंद्रीय मंत्री द्वारा शुरू की गई यात्रा भारतीय संविधान की भावना के खिलाफ है। हमें अपने संविधान और देश के धर्मनिरपेक्ष-लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा के लिए फासीवादी ताकतों से लड़ना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने लोगों के बीच खुलेआम त्रिशूल बांटे।”

भाकपा (माले) लिबरेशन ने लोगों से चार विधानसभा क्षेत्रों रामगढ़, तरारी, बेलागंज और इमामगंज के उपचुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के उम्मीदवारों को वोट देने का भी आग्रह किया।

राज्य की इन सीट पर 13 नवंबर को मतदान होगा।

पार्टी के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा, “केंद्र और बिहार की राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार) सरकार अहंकारी है। उन्हें जनता के कल्याण की जरा भी चिंता नहीं है। ”

उन्होंने राज्य में जारी भूमि सर्वेक्षण को गरीबों को उनकी जमीन से बेदखल करने का प्रयास करार दिया और सरकार से इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा, “अगली बार जब सरकार इसे शुरू करने की योजना बनाएगी, तो उसे सबसे पहले गरीबों को यह गारंटी देनी होगी कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें जमीन मुहैया कराई जाएगी।”

भाषा जितेंद्र सुभाष

सुभाष



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