शी ने ब्रिक्स का सदस्य बनने के इच्छुक देशों के अनुरोध पर शीघ्रता से विचार करने की अपील की

Ankit
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कजान, 23 अक्टूबर (भाषा) चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को कहा कि यहां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में, कई राष्ट्रों को साझेदार देश बनने के लिए आमंत्रित किया गया और समूह से ‘ग्लोबल साउथ’ के देशों के अनुरोध पर शीघ्रता से विचार करने की भी अपील की।


ब्रिक्स मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका का समूह था, बाद में पांच और देशों–मिस्र, इथोयोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को शामिल कर इसे विस्तारित किया गया।

चीन की सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार, शी ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इसने साझेदार देश बनने के लिए कई देशों को आमंत्रित करने का निर्णय किया है।

उन्होंने ब्रिक्स के विकास की प्रक्रिया में इस निर्णय को एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम करार दिया।

शी ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह को सदस्यता का विस्तार करने और साझेदार देश बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए तथा वैश्विक शासन में विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व और आवाज को बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने ब्रिक्स सदस्यों से इस बहुपक्षीय मंच को ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए एकजुटता और सहयोग के एक प्रमुख केंद्र तथा वैश्विक शासन सुधार के लिए एक अग्रणी शक्ति बनाने की अपील की।

‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित या अविकसित माना जाता है तथा जो मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में स्थित हैं।

शी ने कहा कि सदस्य देशों को ब्रिक्स को शांति का वाहक और साझा सुरक्षा का संरक्षक बनाना चाहिए। साथ ही, यूक्रेन संकट को यथाशीघ्र समाप्त करने के लिए युद्ध क्षेत्र का विस्तार नहीं होने देने, लड़ाई को नहीं बढ़ाने और किसी भी पक्ष को उकसावा नहीं देने के तीन सिद्धांतों को कायम रहना चाहिए।

शी ने न्याय के पैरोकार के रूप में ब्रिक्स को आगे बढ़ाने और वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार का नेतृत्व करने का भी आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान स्थिति में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय ढांचे में सुधार की तत्काल आवश्यकता है और ब्रिक्स के नये विकास बैंक को मजबूत करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि चीन ब्रिक्स देशों में अगले पांच वर्षों में 10 शिक्षण केंद्रों की स्थापना करेगा। इसका उद्देश्य 1,000 शिक्षा प्रशासकों, शिक्षकों और छात्रों को प्रशिक्षण के अवसर मुहैया करना है।

शी ने कहा कि ब्रिक्स को नवाचार का मंच बनना चाहिए और उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिए अग्रणी समूह के रूप में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के सदस्यों को हरित ब्रिक्स बनाने के लिए काम करना चाहिए।

भाषा सुभाष प्रशांत

प्रशांत



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