दिल्ली की अदालत ने ‘जन औषधि’ नाम के गलत इस्तेमाल पर 10 लाख का जुर्माना लगाया

Ankit
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नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने मध्य प्रदेश की एक कंपनी को ‘जन औषधि’ से मिलते-जुलते नाम का इस्तेमाल करने पर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) को 10 लाख रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।


रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने बयान में कहा कि नई दिल्ली जिला अदालत ने मध्य प्रदेश के भोपाल में ‘जन औषधि संघ’ के नाम से संचालित संगठन के नाम में साम्यता को लेकर उसे इस नाम का इस्तेमाल करने पर स्थायी रूप से रोक दिया है।

बयान के मुताबिक, यह कंपनी जानबूझकर और इरादतन प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के पंजीकृत ट्रेडमार्क ‘जन औषधि’ से मिलते-जुलते नाम का भ्रामक रूप से इस्तेमाल कर रही थी। इसका मकसद आम जनता के मन में भ्रम पैदा करना और जन औषधि की साख को नुकसान पहुंचाना था।

दिल्ली की अदालत ने उल्लंघनकर्ता और उसके मालिकों, साझेदारों को किसी भी तरह से उक्त चिह्न ‘जन औषधि’ का उपयोग करने से रोकने का आदेश दिया है।

बयान में कहा गया कि अदालत का यह फैसला जन औषधि ब्रांड की अखंडता को संरक्षण देता है और यह सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ताओं को जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दरों पर प्रामाणिक उत्पाद मिलें।

पीएमबीजेपी योजना सभी लोगों को सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

अदालत ने आरोपी कंपनी को पीएमबीआई के पक्ष में 10 लाख रुपये का हर्जाना देने का भी आदेश दिया है।

वर्तमान में देश के लगभग सभी जिलों में 13,800 जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय



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