नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) विद्युत मंत्रालय ने देश में बिजली की बढ़ती मांग के बीच आयातित कोयले का उपयोग करने वाले सभी बिजलीघरों से अगले ढाई महीने यानी 31 दिसंबर तक पूरी क्षमता पर काम करने को कहा है।
मंत्रालय ने इस साल की शुरुआत में बिजली अधिनियम की धारा 11 का उपयोग करते हुए आयातित कोयला आधारित संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने के लिए कहा था।
बिजली मंत्रालय ने आयातित कोयले का उपयोग कर बिजली संयंत्र चला रहीं 15 कंपनियों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘देश में बिजली मांग की स्थिति को देखते हुए, आयातित कोयला आधारित बिजलीघरों के लिए धारा 11 के निर्देश की समय अवधि को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ाने का निर्णय किया गया है।’’
इससे पहले, मंत्रालय ने 12 अप्रैल को 15 आयातित कोयला-आधारित तापीय बिजली परियोजनाओं को एक नोटिस में कहा था, ‘‘अब आयातित कोयला-आधारित संयंत्रों वाली बिजली उत्पादक कंपनियों के लिए धारा 11 निर्देश की समयसीमा को 15 अक्टूबर, 2024 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।’’
मंत्रालय ने अक्टूबर, 2023 में इन आयातित कोयला-आधारित संयंत्रों को पूरी क्षमता से संचालित करने की समयसीमा एक नवंबर, 2023 से बढ़ाकर 30 जून, 2024 कर दी थी।
बिजली की मांग में अचानक वृद्धि के कारण किसी भी कटौती से बचने के लिए मंत्रालय ने बिजली अधिनियम 2003 की धारा 11 लागू की।
जिन 15 आयातित कोयला-आधारित (आईसीबी) बिजलीघरों को अपने संयंत्रों को पूरी क्षमता से चलाने के निर्देश दिये गये हैं, उनमें गुजरात के मुंदड़ा में टाटा पावर और अदाणी पावर के संयंत्र शामिल हैं। इसके अलावा एस्सार पावर गुजरात लि., जेएसडब्ल्यू रत्नागिरी, टाटा ट्रॉम्बे, उडुपी पावर और मीनाक्षी एनर्जी शामिल हैं।
मंत्रालय कहता रहा है कि घरेलू कोयले की मांग और आपूर्ति में अंतर तथा बिजलीघरों पर कोयला भंडार बनाये रखने की जरूरत को देखते हुए घरेलू ईंधन के साथ मिश्रण के माध्यम से आयातित कोयले का उपयोग बढ़ाने की जरूरत है। इसके अलावा बिजलीघरों को अनुकूलतम स्तर पर चलाने की भी आवश्यकता है।
इससे घरेलू कोयला आपूर्ति पर दबाव कम होगा और यह भी सुनिश्चित होगा कि सभी बिजलीघर अधिकतम मांग के दौरान आपूर्ति में योगदान दें।
भाषा रमण अजय
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