मान ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद धान खरीदी व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए बैठक की

Ankit
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चंडीगढ़, 29 सितंबर (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के कुछ घंटे बाद रविवार को धान खरीद व्यवस्था की समीक्षा की और कहा कि उनकी सरकार एक अक्टूबर से शुरू हो रहे खरीफ विपणन सीजन (केएमएस) के लिए पूरी तरह तैयार है।


मान को जीवाणु संक्रमण ‘लेप्टोस्पायरोसिस’ होने का पता चला था। उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों ने कहा था कि स्वास्थ्य संबंधी उनकी सभी जांच सामान्य पायी गईं। आप नेता मान (50) को नियमित जांच के लिए बुधवार देर रात फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

मुख्यमंत्री ने धान खरीद व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य सरकार को खरीद सीजन के दौरान मंडियों से किसानों से 185 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान खरीद होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य में वर्तमान में 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती हो रही है, पंजाब ने 185 एलएमटी धान खरीदने का लक्ष्य रखा है।

मान ने कहा कि केएमएस 2024-25 के लिए 41,378 करोड़ रुपये की नकद ऋण सीमा पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी कर दी गई है।

ग्रेड ‘ए’ धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,320 रुपये प्रति क्विंटल है।

राज्य की खरीद एजेंसियां- पनग्रेन, मार्कफेड और पनसप- केंद्र के भारतीय खाद्य निगम के साथ मिलकर एमएसपी पर धान की खरीद करेंगी।

मान ने कहा कि धान की सुचारू एवं परेशानी मुक्त खरीद के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार धान की सुचारू एवं परेशानी मुक्त खरीद एवं उठान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों की फसल मंडियों में आते ही खरीद के लिए व्यापक प्रबंध पहले ही कर लिये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनके बैंक खातों में मौके पर ही भुगतान सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र विकसित किया गया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य के किसानों को मंडियों में अपनी उपज की बिक्री के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए।

मान ने उपायुक्तों को जमीनी स्तर पर पूरे संचालन का जायजा लेने के लिए रोजाना सात से आठ मंडियों का दौरा करने को कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले अनाज मंडियों में नियमित रूप से दौरा करें और नियमित निगरानी के लिए दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

भाषा अमित सुरेश

सुरेश



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