प्रौद्योगिकी पेशेवरों के लिए भारत में अच्छा समय, एआई प्रतिभा में हम सबसे आगे: नैसकॉम प्रमुख |

Ankit
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(मौमिता बख्शी चटर्जी)


नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) नैसकॉम की नयी चेयरपर्सन सिंधु गंगाधरन ने कहा कि भारत प्रतिभा और कौशल के लिहाज से वैश्विक कृत्रिम मेधा (एआई) मंच पर सबसे आगे है।

उन्होंने कहा कि इस वजह से भारत कृत्रिम मेधा के परिवर्तनकारी युग में एक मजबूत स्थिति में है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वालों के लिए यह भारत में रहने का सबसे अच्छा समय है।

गंगाधरन ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कार्यस्थल पर मानसिक और सामाजिक कल्याण के महत्व, एआई और जेनएआई के आर्थिक प्रभाव, और एआई से नौकरियां खत्म होने की चिंता जैसे कई प्रमुख मुद्दों पर बात की।

उन्होंने संगठनों के अपने कर्मचारियों के मानसिक और शारीरिक कल्याण को उच्च प्राथमिकता देने की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि वह भारतीय प्रौद्योगिकी उद्योग के भविष्य के बारे में आशावादी हैं।

इस साल अगस्त में नैसकॉम की नयी चेयरपर्सन के रूप में नामित की गईं गंगाधरन एसएपी लैब्स इंडिया की प्रबंध निदेशक हैं और इस केंद्र की स्थापना में उनकी प्रमुख भूमिका रही है।

आईटी उद्योग में एआई के कारण नौकरियों के नुकसान की व्यापक आशंकाओं पर उन्होंने कहा कि नये युग की प्रौद्योगिकियों से मिलने वाले लाभ को लेकर नवोन्मेषण को बढ़ावा देने से लोग अधिक महत्वपूर्ण समस्याओं को हल करने पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

वैश्विक प्रौद्योगिकी परिदृश्य में भारत की बढ़ती भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि देश-दुनिया की जीसीसी राजधानी के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की अभूतपूर्व वृद्धि हुई है और देश में ऐसे केंद्रों की संख्या बढ़ने के साथ ही अधिक नियुक्तियों की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘एआई प्रतिभा के लिहाज से हम शीर्ष पर हैं, और समस्याओं को सही तरीके से हल करने में सक्षम हैं। हमारे पास निश्चित रूप से और अधिक करने का अवसर है।’’

भाषा अजय पाण्डेय

अजय



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