लोगों के बीच संपर्क से सद्भाव जगाने में पर्यटन की अहम भूमिकाः उपराष्ट्रपति

Ankit
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(तस्वीर के साथ)


नयी दिल्ली, 27 सितंबर (भाषा) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दुनिया में अशांतिपूर्ण स्थिति से आपूर्ति श्रृंखला एवं नियोजन प्रक्रिया बाधित होने का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि लोगों के बीच संपर्क से सद्भाव पैदा होता है जिसमें पर्यटन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने आर्थिक विकास की राह पर तेजी से आगे बढ़ने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कार्यबल बनाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि ये कार्यबल जमीनी हालात का आकलन, सामंजस्य स्थापित करने और नतीजे हासिल करने में मददगार हो सकते हैं।

धनखड़ ने विश्व पर्यटन दिवस पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस वर्ष का विषय ‘पर्यटन और शांति’ बहुत विचारणीय है और इसकी समकालीन प्रासंगिकता काफी अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘यह विषय बहुत गहरी बात को रेखांकित करता है। यह लोगों के बीच जुड़ाव और लोगों के बीच संपर्क को बढ़ाता है। यह सद्भाव के लिए अनुकूल है और विचारों के आदान-प्रदान का एक परिवेश तैयार करता है। यह सही है कि पर्यटन शांति में बहुत बड़ा योगदान देता है… पूरी दुनिया शांति के लिए तरस रही है।’

धनखड़ ने कहा कि दुनिया आगजनी से आहत है और दुनिया के किसी भी हिस्से में कोई भी आगजनी सभी के लिए यातना है।

उन्होंने कहा, ‘यह स्थिति आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करती है, नियोजन को प्रभावित करती है, एक पीड़ा है और इसलिए, पर्यटन और शांति का बहुत महत्व है।’

उपराष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पर्यटन के लिए एक राजदूत बताते हुए कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री से बड़ा पर्यटन का कोई राजदूत नहीं हो सकता। उन्होंने लक्षद्वीप में बस कुछ पल बिताए और पूरी दुनिया को इसके बारे में पता चल गया।’

उन्होंने कहा कि पर्यटन अवसरों का व्यापक अवसर प्रदान करता है और वहां पर मूल्यवर्द्धित उत्पादों के लिए पर्याप्त बाजार है।’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण



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