कर्नाटक में वैश्विक क्षमता केंद्र नीति पेश, 2029 तक 3.5 लाख नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य

Ankit
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बेंगलुरु, 27 सितंबर (भाषा) कर्नाटक सरकार ने वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) नीति का मसौदा शुक्रवार को पेश किया। इसका लक्ष्य 2029 तक 50 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक उत्पादन करना और 500 नए जीसीसी आकर्षित करने के साथ 3.5 लाख नई नौकरियां सृजित करना है।


वैश्विक क्षमता केंद्र बहुराष्ट्रीय कंपनियों की दूसरे देशों में स्थित इकाइयां हैं। ये केंद्र अपनी मूल कंपनी को आईटी, वित्त, मानव संसाधन और विश्लेषण जैसी विभिन्न सहायता सेवाएं प्रदान करती हैं।

अधिकारियों ने कहा कि यह नीति निवेशकों का भरोसा बढ़ाने, स्थानीय नवोन्मेष परिवेश के साथ निर्बाध सहयोग को बढ़ावा देने और कर्नाटक को कृत्रिम मेधा (एआई) अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में अगुवा बनाने के लिए तैयार की गई है।

इस मौके पर राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, ‘‘ आज, हम गर्व के साथ वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए अलग से बनायी गयी देश की पहली नीति की शुरुआत कर रहे हैं। यह नवोन्मेष…के लिए शीर्ष गंतव्य के रूप में कर्नाटक की स्थिति की पुष्टि करता है। जीसीसी ‘बैक-ऑफिस’ यानी दफ्तर के मुख्य कार्य के सुचारू परिचालन के लिए ढांचागत समर्थन देने से आगे बढ़कर वैश्विक रणनीतिक पहल, अनुसंधान एवं विकास तथा प्रौद्योगिकी समाधानों के महत्वपूर्ण चालक बन गए हैं।’’

उन्होंने कहा कि 12 लाख से अधिक कार्यबल और अर्थव्यवस्था में 22.2 अरब अमेरिकी डॉलर के योगदान के साथ जीसीसी कर्नाटक के लिए वृद्धि तथा रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा है।

मसौदा नीति पर संबंधित पक्षों से सुझाव आमंत्रित किये गये हैं।

कर्नाटक सरकार के इलेक्ट्रॉनिक, आईटी, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव एकरूप कौर ने कहा, ‘‘ इस नीति के जरिये हमारा लक्ष्य 2029 तक 500 नए जीसीसी स्थापित करना है। इससे 3.5 लाख नए रोजगार सृजित होंगे और 50 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक उत्पादन होगा।’’

भाषा निहारिका रमण

रमण



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