लाडकी बहिन योजना महिलाओं का मत हासिल करने का ‘जुगाड़’ : भाजपा विधायक |

Ankit
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मुंबई, 25 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र की ‘महायुति’ सरकार द्वारा ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ को सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करने की कोशिश के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजभ्पा) के कामठी से विधायक टेकचंद सावरकर ने इसे महिलाओं का वोट हासिल करने के लिए ‘जुगाड़’करार दिया है।


सावरकर की टिप्पणी पर विपक्षी कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे नीत सरकार द्वारा शुरू इस महत्वाकांक्षी योजना के पीछे का मकसद उजागर हो गया है।

नागपुर के नजदीक अपने कामठी विधानसभा में मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए सावरकर ने कहा, ‘‘हम भाजपा के लिए महिलाओं का मतदान हासिल करने के वास्ते मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना का जुगाड़ लेकर आए हैं। ईमानदारी से बताएं, ऐसा हमने क्यों किया? इसलिए ताकि चुनाव के दौरान हमारी प्रिय बहनें हमारे पक्ष में मतदान करें।’’

लाडकी बहिन योजना के तहत ढाई लाख रुपये से कम वार्षिक आय की 21 से 65 साल उम्र की विवाहिता, तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये की आर्थिक सहायता राज्य सरकार दे रही है। इस योजना पर राजकोष पर हर साल 46 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है।

सावरकर ने मंच पर मौजूद अन्य लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘ये लोग आपको (योजना को लेकर) भ्रमित कर सकते हैं लेकिन मैं अकेला हूं जो इस बारे में ईमानदारी से बात करता हूं…हम भाजपा कार्यकर्ता हैं और हमारा केवल एक स्वार्थ वोट पाना है।’’

कांग्रेस विधायक और महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने सावरकर के भाषण की क्लिप सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए भाजपा पर निशाना साधा जो राज्य में सत्तारूढ़ महायुति का हिस्सा है। महायुति में भाजपा के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) शामिल हैं।

वडेट्टीवार ने कहा, ‘‘अंतत: महायुति सरकार की चालाकी सामने आ गई है। इस भाजपा विधायक ने स्वीकार किया है कि महायुति नेता झूठ बोल रहे हैं। इस लाडकी बहिन योजना की शुरुआत महिलाओं की भलाई के लिए नहीं बल्कि वोट हासिल करने के लिए की गई है। इस जुगाड़ को लागू किया गया क्योंकि महायुति मतों के सूखे का सामना कर रहा है।’’

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा के लिए इस साल के नवंबर या दिसंबर में चुनाव होने की संभावना है।

भाषा धीरज माधव

माधव



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