आंध्र सरकार ने तिरुमला घी में मिलावट के आरोपों की जांच एसआईटी करेगी

Ankit
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हैदराबाद, 22 सितंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार पर रविवार को निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य की पिछली सरकार के दौरान तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा घी खरीदने की कई प्रक्रियाओं में बदलाव किया गया था।


नायडू ने कहा कि इसके चलते उन्होंने अनियमितताओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का फैसला किया है। नायडू ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार के दौरान टीटीडी बोर्ड में नियुक्तियां ‘‘जुआ’’ की तरह हो गई थीं और ऐसे लोगों को नियुक्त करने के उदाहरण हैं, जिनकी कोई आस्था नहीं थी और बोर्ड में गैर-हिंदुओं को वरीयता दी गई।

नायडू ने अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लड्डू के संबंध में इस खुलासे के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई कि उसके निर्माण में कथित तौर पर पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।

नायडू ने कहा, ‘‘आईजी (महानिरीक्षक) स्तर या उससे ऊपर के अधिकारी की निगरानी में एसआईटी का गठन किया जाएगा। यह सभी कारणों, सत्ता के दुरुपयोग की जांच करेगी और सरकार को रिपोर्ट देगी। सरकार इस तरह की घटनाओं (लड्डू में मिलावट) की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी, इसमें कोई समझौता नहीं होगा।’’

मुख्यमंत्री नायडू ने कहा कि किसी को भी लोगों की भावनाओं से खेलने का अधिकार नहीं है। नायडू ने कहा कि कथित अपवित्रता को दूर करने के लिए सोमवार को तिरुमला में शांति होमम पंचगव्य प्रोक्षण (अनुष्ठानिक साफसफाई) किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सोमवार को सुबह 6 बजे से 10 बजे तक श्रीवारी (श्री वेंकटेश्वर) मंदिर में बंगारू बावी (स्वर्ण कुआं) यज्ञशाला (अनुष्ठान स्थल) में शांति होमम पंचगव्य प्रोक्षण किया जाएगा।’’

नायडू ने कहा कि पहले की शर्तों के अनुसार घी आपूर्तिकर्ता के पास कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि जगन मोहन रेड्डी के सत्ता में आने के बाद इसे घटाकर एक साल कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि आपूर्तिकर्ता का आवश्यक कारोबार भी पहले के 250 करोड़ रुपये से घटाकर 150 करोड़ रुपये कर दिया गया।

नायडू ने सवाल किया कि कोई 319 रुपये में शुद्ध घी कैसे दे सकता है, जबकि ‘पाम ऑयल’ भी इससे महंगा है। उन्होंने कहा कि एआर डेयरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 12 जून, 2024 से घी की आपूर्ति शुरू की।

जगन द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख पत्र लिखकर पलटवार करने की कोशिश कर रहे हैं।

वेंकटेश्वर स्वामी के प्रसादम के लिए एक विशेष स्थान है, क्योंकि इसमें शुद्ध सामग्री होती है और पिछले 300 वर्षों से इसे बनाने की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया गया है।

कुछ दिन पहले, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल की बैठक के दौरान तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख ने दावा किया था कि पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया।

इसके दो दिन बाद, 20 सितंबर को टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रयोगशाला जांच में, चयनित नमूनों में पशु चर्बी और सूअर की चर्बी की मौजूदगी का पता चला है और बोर्ड ‘‘मिलावटी’’ घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को काली सूची में डालने की प्रक्रिया में है।

भाषा अमित प्रशांत

प्रशांत



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