कोलकाता, 22 सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल के बिजली सचिव शांतनु बसु ने डीवीसी के निदेशक मंडल से और राज्य के सिंचाई और जलमार्ग के मुख्य अभियंता ने दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) से इस्तीफा दे दिया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के जलाशयों से पानी छोड़े जाने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र के बीच चल रही खींचतान के बीच ये इस्तीफे हुए हैं।
बसु ने 21 सितंबर को डीवीसी चेयरमैन को भेजे एक ईमेल में कहा, ‘‘डीवीसी के अपने बांध प्रणालियों से अभूतपूर्व और अनियंत्रित ढंग से पानी छोड़ने से व्यापक जलभराव हुआ और राज्य के बड़े क्षेत्रों में लोगों को भारी परेशानी हुई। इसके मद्देनजर मैं डीवीसी बोर्ड से राज्य के सदस्य के रूप में अपना इस्तीफा देता हूं।’’
राज्य सूचना एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग ने रविवार को बयान में कहा, ‘‘बिजली सचिव के अलावा, पश्चिम बंगाल के सिंचाई एवं जलमार्ग के मुख्य अभियंता ने भी दामोदर घाटी जलाशय विनियमन समिति (डीवीआरआरसी) से इसी मुद्दे पर विरोध जताते हुए इस्तीफा दे दिया है।’’
यह इस्तीफा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बाढ़ की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए दो पत्रों की पृष्ठभूमि में दिया गया है। इन पत्रों में कहा गया है कि डीवीसी ने उनकी सरकार से परामर्श किए बिना अपने जलाशयों से पानी छोड़ा, जिससे कई जिले जलमग्न हो गए।
इसके जवाब में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल ने कहा था कि राज्य के अधिकारियों को डीवीसी जलाशयों से पानी छोड़े जाने के बारे में हर स्तर पर बताया गया था। उन्होंने कहा कि एक बड़ी आपदा को रोकने के लिए पानी छोड़ना जरूरी था।
भाषा पाण्डेय अजय
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