बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा की दो हजार से अधिक घटनाओं में नौ लोगों की मौत: अल्पसंख्यक समूह |

Ankit
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ढाका, 19 सितंबर (भाषा) हिंसा प्रभावित बांग्लादेश के एक अल्पसंख्यक समूह ने बृहस्पतिवार को कहा कि चार से 20 अगस्त के बीच सांप्रदायिक हिंसा की दो हजार से अधिक घटनाओं में कम से कम नौ लोग मारे गये और 69 उपासना स्थलों पर हमला किया गया तथा तोड़फोड़ की गई।


‘डेली स्टार’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के नेता निर्मल रोजारियो ने संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में सांप्रदायिक हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का आह्वान किया।

संगठन के उपाध्यक्षों में से एक निर्मल रोजारियो के हवाले से अखबार ने खबर में बताया कि कि चार से 20 अगस्त के बीच देशभर के 76 जिलों और महानगरीय क्षेत्रों में से 68 में सांप्रदायिक हिंसा की कुल 2,010 घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप नौ लोगों की मौत हो गई।

सांप्रदायिक हिंसा का ब्योरा देते हुए निर्मल ने कहा कि हिंसा से 1,705 परिवार सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे।

ढाका रिपोर्टर्स यूनिटी में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि 157 परिवारों के घरों पर हमला किया गया, लूटपाट की गई, तोड़फोड़ की गई और आग लगा दी गई।

निर्मल ने कहा कि ये परिवार अब बहुत ही खराब स्थिति में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुलना संभाग में सबसे अधिक हिंसा हुई। उन्होंने बताया कि 1,705 प्रभावित परिवारों में से 34 मूलनिवासी समुदायों के थे तथा कुछ परिवारों की जमीन पर कब्जा कर लिया गया था।

निर्मल ने संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में सांप्रदायिक हिंसा की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का आह्वान किया। उन्होंने बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद के महासचिव राणा दासगुप्ता और अन्य नेताओं के खिलाफ झूठे मामलों को वापस लेने, सांप्रदायिक हिंसा को समाप्त करने और अपराधियों की गिरफ्तारी की भी मांग की।

उन्होंने अपनी मांगों को लेकर शनिवार को ढाका समेत पूरे देश में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन और रैली की भी घोषणा की।

सरकारी नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर छात्रों के नेतृत्व में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पांच अगस्त को इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं।

भाषा

देवेंद्र पवनेश

पवनेश



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