नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को ब्रिटिश सिख नागरिक जगतार सिंह जोहल को आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत उसके खिलाफ दर्ज कई मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह की अध्यक्षता वाली पीठ ने जोहल द्वारा अधीनस्थ अदालत के आदेशों के खिलाफ दायर अपीलों को खारिज कर दिया, जिसमें उसे 2016-2017 में पंजाब के लुधियाना और जालंधर जिलों में कथित लक्षित हत्याओं और हत्या के प्रयासों से संबंधित राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा जांच किए जा रहे सात मामलों में राहत देने से इनकार कर दिया गया था।
अदालत ने कहा कि जांच पंजाब पुलिस से एनआईए को तब सौंपी गई थी जब यह “पहचान” हुई कि ये अपराध एक अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा था जिसका उद्देश्य राज्य में “कानून-व्यवस्था की स्थिति को अस्थिर करना” था।
याचिकाओं का विरोध करते हुए एनआईए ने दावा किया कि नवंबर 2017 में गिरफ्तार किया गया जोहल “अत्यधिक कट्टरपंथी” था और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) का “सक्रिय सदस्य” था।
यह आरोप लगाया गया कि मुख्य षड्यंत्रकारियों में से एक होने के नाते, आरोपी ने धन मुहैया कराया जिसका उपयोग दो शूटरों द्वारा हथियार खरीदने के लिए किया गया।
पीठ में न्यायमूर्ति अमित शर्मा भी शामिल थे। पीठ ने कानून के तहत स्वीकार्य अवधि से परे दायर की गई पांच अपीलों को खारिज कर दिया।
अन्य दो मामलों में अपीलों को पीठ ने गुण-दोष के आधार पर खारिज कर दिया।
भाषा प्रशांत माधव
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