लखनऊ में बचपन कैंसर जागरुकता माह कार्यक्रम के तहत रैली में 300 साइकिल चालकों ने भाग लिया

Ankit
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लखनऊ, 15 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बचपन कैंसर जागरुकता माह के उपलक्ष्य में रविवार को ‘संकल्प: कैंसर को है हराना’ नामक विषय पर एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 300 से अधिक साइकिल चालकों ने भाग लिया।


राज्य सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार इस कार्यक्रम में विभिन्न साइकिलिंग समूहों के 300 से अधिक साइकिल चालकों ने भाग लिया, जो इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था। इनमें आर्यावर्त-बाइकर्स, साइक्लोपीडिया-लखनऊ, पेडल- पुशर्स, पैडलिंग-डीसीसी और साइकिल-विद-मी जैसे समूह भी शामिल थे।

”साइक्लोथॉन फॉर द कॉज” वास्तव में बचपन के कैंसर से लड़ने के लिए एक निवारक के साथ-साथ सक्रिय प्रयासों के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो कि प्रभावित बच्चों और उनके परिवारों के लिए सहानुभूति तथा समर्थन को रेखांकित करता है।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि कैंसर विजयी हुए बच्चों में से 24 वर्षीय लड़की सुश्री स्वेक्षा नथाएल को चुना गया, जो केवल एक वर्ष की उम्र से ही कैंसर से जूझती रही और अंतत: इस पर विजय प्राप्त करने में सफल हुई।

इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ एक चर्चा भी हुई। कैंसर को हराने वाली चौबीस वर्षीय स्वेक्षा नथाएल ने एक प्रेरक मुख्य भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कैंसर से लड़ाई के अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा किए और कैंसर से जूझ रहे बच्चों के लिए शीघ्र निदान, सुलभ उपचार और वित्तीय सहायता के महत्व पर जोर दिया।

अन्य प्रतिष्ठित वक्ताओं में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के पूर्व महानिदेशक (डीजी) डॉ. ए.पी. माहेश्वरी और अपोलो अस्पताल के सीईओ डॉ. मयंक सोमानी शामिल थे। उन्होंने बचपन में कैंसर से पीड़ित होने वाले मरीजों के लिए निवारक उपायों, शुरुआती पहचान और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम में बचपन में कैंसर से जंग जीतने वाले लोगों द्वारा प्रस्तुत एक नुक्कड़ नाटक भी दिखाया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और इस बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा की। अपोलो हॉस्पिटल्स, डिजीस्वास्थ्य और कैनकिड्स द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य बचपन में कैंसर के शुरुआती निदान और उपचार के बारे में जागरूकता बढ़ाना था।

भाषा

आनन्द, रवि कांत नेत्रपाल रवि कांत



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