सिद्धार्थनगर की एसपी के ‘द्वेषपूर्ण’ रवैये के विरोध में विधायक का अनिश्चितकालीन धरना |

Ankit
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सिद्धार्थनगर, 10 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के विधायक विनय वर्मा ने अपने प्रति पुलिस अधीक्षक (एसपी) के कथित द्वेषपूर्ण रवैये के विरोध में मंगलवार से अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया।


हालांकि, अपना दल (एस) ने इस आंदोलन से अलग होते हुए जिलाध्यक्ष को निर्देश दिया है कि आंदोलन में दल का कोई पदाधिकारी और सदस्य शामिल न हो।

नगर पालिका परिषद सिद्धार्थनगर के सामने महात्मा गांधी की मूर्ति के पास वर्मा अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हैं।

उनके समर्थकों ने दावा किया कि विधायक वर्मा पहले भी पुलिस अधीक्षक की शिकायत मुख्यमंत्री से मिलकर कर चुके हैं। वहीं, वर्मा ने घोषणा की है कि पुलिस अधीक्षक प्राची सिंह के तबादले के बाद ही उनका धरना समाप्त होगा।

धरने पर बैठने से पहले विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष और अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिख कर इस बारे में सूचना दी।

विनय वर्मा ने पत्र में सिद्धार्थनगर की पुलिस अधीक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक ने पिछले दिनों विधानसभा क्षेत्र शोहरतगढ़ में अवैध मिट्टी खनन के दौरान ट्रैक्टर ट्राली के पलटने के बाद उसमें आग लगने से हुई चालक की मौत की जांच में कुछ लोगों को बचाने का ढेबरुआ थाना प्रभारी पर आरोप लगाया है।

इसके अलावा वर्मा ने शोहरतगढ़ थाना प्रभारी द्वारा उनके साथ अभद्रता करने और कस्बे में मादक पदार्थों के तस्करों को संरक्षण देने का भी आरोप लगाया है।

वर्मा ने दावा किया कि ढेबरुआ और शोहरतगढ़ के थाना प्रभारियों को पुलिस अधीक्षक द्वारा उनके (विनय वर्मा) साथ भेदभाव करने और उनकी बात न मानने का निर्देश दिया गया है।

वर्मा ने कहा, ”अब पुलिस अधीक्षक के तबादले के बाद ही हमारा धरना समाप्त होगा।”

इस संबंध में अभी पुलिस अधीक्षक का पक्ष नहीं मिल सका है।

इस बीच, मंगलवार शाम को अपना दल (एस) ने अपने विधायक के इस आंदोलन से खुद को अलग कर लिया। अपना दल (एस) के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष राज कुमार पाल ने सिद्धार्थनगर जिले के पार्टी अध्यक्ष को पत्र भेज कर कहा, ”शोहरतगढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय वर्मा द्वारा बुलाए गए धरने की जानकारी मिली है। यह धरना बिना पार्टी या मेरी अनुमति और स्‍वीकृति के आयोजित किया गया है। अत: पार्टी के किसी भी पदाधिकारी या सदस्य को इसमें भाग लेने की अनुमति नहीं है।”

पाल ने कहा कि पार्टी अनुशासन और नीति के तहत कार्य करती है और यह धरना पार्टी की आधिकारिक गतिविधि नहीं है।

उन्होंने पार्टी के जिला अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि इन निर्देशों का अनुपालन करें और अनुशासन बनाए रखें।

उन्होंने इस संदेश को सभी कार्यकर्ताओं तक प्रसारित करने का भी जिलाध्यक्ष को निर्देश दिया है और अपेक्षा की है कि किसी भी तरह की अनुशासनहीनता न हो।

भाषा

सं, आनन्द, रवि कांत रवि कांत



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