पारसी समुदाय ने भारत के विकास में चुपचाप महत्वपूर्ण योगदान दिया: शाह |

Ankit
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मुंबई, आठ सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि पारसी समुदाय ने भारत के विकास में चुपचाप महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने इस यात्रा में गुजराती अखबार ‘मुंबई समाचार’ की भूमिका की सराहना की।


एशिया के सबसे पुराने अखबार की 200 साल की उल्लेखनीय यात्रा पर आधारित वृत्तचित्र ‘मुंबई समाचार- 200 नॉट आउट’ को जारी करने के बाद शाह ने कहा कि इसे संचालित करने वाले कामा परिवार ने विश्वास की पत्रकारिता का उदाहरण प्रस्तुत किया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘हमें कामा परिवार जैसे पारसी परिवारों का सम्मान करना चाहिए, जो अभी भी गुजराती बोलते हैं और उस भाषा में अखबार चलाते हैं। अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए लड़ने वालों से मैं कहना चाहता हूं कि अल्पसंख्यकों में अगर कोई सच्चा अल्पसंख्यक है तो वो पारसी समुदाय है। उन्होंने कभी अधिकारों के लिए जोर न देते हुए अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपना जीवन जिया है।’’

उन्होंने कहा कि पारसी समुदाय ने बिना कोई मांग किए हर क्षेत्र में योगदान दिया है। शाह ने कहा कि पारसी समुदाय ने शासन, उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी, फिनटेक, परमाणु विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अपना कर्तव्य निभाया और साथ ही उस युद्ध को (फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ का संदर्भ देते हुए) भी जीता जिसने बांग्लादेश को जन्म दिया।

शाह ने कहा कि उनकी प्रार्थना है कि सभी समुदाय पारसी की तरह हों, जिन्होंने बिना कुछ मांगे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिया, जिसे देश कभी नहीं भूलेगा।

प्रकाशन के 203वें वर्ष में प्रवेश करने के साथ ‘मुंबई समाचार’ के बारे में उन्होंने कहा कि यह मुंबई की पहचान का एक अभिन्न अंग बन गया है।

‘मुंबई समाचार’ को विश्वसनीय समाचार संस्थान बताते हुए शाह ने एक पुरानी कहावत को याद किया कि ‘मुंबई समाचार’ में छपी हर बात सच होती है।

केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार किया कि उन्हें इस अखबार के बारे में तब पता चला जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसके द्वि-शताब्दी समारोह के सिलसिले में जून में यहां आए थे। शाह ने कहा, ‘‘यहां राजवंश 200 साल तक नहीं चलते, लेकिन एक अखबार इतने लंबे समय से टिका हुआ है।’’

इस उपलब्धि की सराहना करते हुए शाह ने कहा कि किसी क्षेत्रीय समाचार पत्र के लिए इतने लंबे समय तक टिके रहना कठिन है।

शाह ने अखबार के लंबे सफर पर कहा कि यह संभवतः एकमात्र समाचार पत्र है, जिसने झांसी की रानी की मृत्यु (18 जून 1858) के बारे में खबर दी थी और साथ ही 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के शपथग्रहण समारोह को भी कवर किया।

गृह मंत्री ने कहा कि जिस उद्देश्य के लिए झांसी की रानी ने अपना बलिदान दिया, उसे 2014 में एक गुजराती ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेकर पूरा किया।

उन्होंने कहा, ‘‘जिस नेता, पत्रकार या अखबार के पास कोई विचारधारा नहीं है, वह अच्छा काम नहीं कर सकता।’’

इस कार्यक्रम में ‘मुंबई समाचार’ के प्रबंध निदेशक होर्मुसजी एन कामा भी मौजूद थे।

‘मुंबई समाचार-200 नॉट आउट’ स्वतंत्रता आंदोलन में अखबार की महत्वपूर्ण भूमिका, निष्पक्ष रिपोर्टिंग के प्रति इसकी अटूट प्रतिबद्धता और इसकी सफलता के पीछे के तथ्यों पर प्रकाश डालता है।

इस वृत्तचित्र को 40 देशों में एक साथ जारी किया गया, जो न केवल ‘मुंबई समाचार’, बल्कि पूरे समाचार पत्र उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करता है। ‘मुंबई समाचार-200 नॉट आउट’ के ट्रेलर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून 2022 में अखबार के द्विशताब्दी समारोह में जारी किया था।

शाह ने वृत्तचित्र निर्माताओं से कहा कि इसकी व्यापक पहुंच के लिए इसे हिंदी और अंग्रेजी में डब करना चाहिए। शाह ने कहा, ‘‘हमारी भाषाएं हमारी विरासत हैं। अगर हम खुद को किसी भाषा से अलग कर लेते हैं, तो हम संस्कृति से भी दूर हो जाते हैं। अगर दादा और पोता एक ही भाषा नहीं बोलते हैं, तो उनके बीच कोई बंधन नहीं होगा।’’

उन्होंने कहा कि हिंदी का नया शब्दकोश तैयार किया गया है, जिसमें करीब 22,831 नए शब्द जोड़े गए हैं। शाह ने कहा कि भाषाओं को शब्दों और अवधारणाओं का आदान-प्रदान करना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘भारत 2047 तक सभी क्षेत्रों में नंबर एक बन जाएगा। भारत को पहले से ही वैश्विक स्तर पर एक अंधेरे क्षेत्र में एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देखा जाता है। बहुत जल्द भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।’’

समाचार पत्र की सराहना करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘मुंबई समाचार’’ इसी जोरदार तरीके से अपनी 300वीं वर्षगांठ तक पहुंचेगा।

भाषा आशीष नेत्रपाल

नेत्रपाल



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