नेपाल और भारत के साहित्यकारों को एक साथ लाता है काठमांडू-कलिंग साहित्य महोत्सव

Ankit
2 Min Read


(शिरीष बी प्रधान)


काठमांडू, सात सितंबर (भाषा) नेपाल के ललितपुर महानगर में शनिवार को तीसरा ‘काठमांडू कलिंग साहित्य महोत्सव’ शुरू हुआ। इस महोत्सव में नेपाल, भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों की 200 से अधिक साहित्यिक हस्तियों ने शिरकत की।

भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य व लोकप्रिय इतिहासकार एवं अर्थशास्त्री संजीव सान्याल, नेपाल में भारतीय दूतावास के उप प्रमुख प्रसन्ना श्रीवास्तव, पूर्व भारतीय राजनयिक और संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी एम पुरी समेत अन्य लोगों ने उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित किया।

प्रमुख नेपाली साहित्यकार डॉ. भुवन ढुंगाना ने भी उद्घाटन सत्र को संबोधित किया जिसकी अध्यक्षता रश्मि रंजन ने की। रश्मि रंजन ‘काठमांडू कलिंग साहित्य महोत्सव’ (केएलएफ) की अध्यक्ष हैं।

आयोजकों ने कहा, ‘‘दो दिवसीय महोत्सव नेपाल, भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के लगभग 200 लेखकों को एक साथ लाता है और साहित्यिक और सांस्कृतिक परंपराओं के समृद्ध आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।’’

वक्ताओं में शामिल नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत रंजीत राय ने एक चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान बतौर राजदूत अपने कार्यकाल को रेखांकित किया जिसका उनकी पुस्तक ‘काठमांडू डिलेमा: रिसेटिंग भारत-नेपाल टाइज’ में भी वर्णन है। उनकी पुस्तक का उद्देश्य नेपाल में भारत की भूमिका के बारे में गलत धारणाओं को दूर करना है।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए राय ने कहा कि संस्कृति और साहित्य दक्षिण एशिया क्षेत्र के विभिन्न देशों के लोगों को जोड़ने के लिए सेतु का काम करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह (संस्कृति) नेपाल-भारत द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में सहायक रही है।’’

भाषा संतोष पवनेश

पवनेश



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *