सुभाष चंद्रा ने सेबी प्रमुख बुच पर लगाया भ्रष्ट होने का आरोप

Ankit
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मुंबई, दो सितंबर (भाषा) जी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा ने सोमवार को बाजार नियामक सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच के खिलाफ कई आरोप लगाते हुए कहा कि वह पूंजी बाजार नियामक के साथ सहयोग करना बंद कर देंगे।


भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने चंद्रा के इन आरोपों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि, घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र ने कहा कि ये आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं।

सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘चंद्रा द्वारा लगाए गए ये सभी आरोप दुर्भावनापूर्ण हैं। तथ्य कुछ और ही बयां करते हैं।’’

ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के मानद चेयरमैन चंद्रा ने कहा कि वह बुच के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की संभावना तलाश रहे हैं क्योंकि उन्हें ‘सेबी प्रमुख के भ्रष्ट होने’ का यकीन है। उन्होंने अन्य कॉरपोरेट घरानों से भी अपनी लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया।

सेबी के सख्त नियामकीय कदमों की जद में आ चुके चंद्रा ने यहां संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह आरोप भी लगाया कि बुच उनके खिलाफ ‘पक्षपाती’ हैं और उन्होंने ‘सेबी के साथ आगे सहयोग नहीं करने’ का फैसला किया है।

उन्होंने अपनी कंपनी ज़ी एंटरटेनमेंट से आगे सेबी के साथ सहयोग न करने का आग्रह करते हुए कहा कि कंपनी के खिलाफ पक्षपातपूर्ण जांच की जा रही है और सेबी प्रमुख अपनी पूर्व-निर्धारित मानसिकता के साथ काम कर रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आईसीआईसीआई बैंक और अपनी पड़ताल से मुझे पता चला है कि उस समय माधवी पुरी बुच और चंदा कोचर लगातार फोन पर बात कर रही थीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह बहुत करीबी शख्स थीं और चंदा कोचर ही उन्हें करोड़ों रुपये दे रही थीं, जिसका आज सुबह खुलासा हुआ है। वह आईसीआईसीआई बैंक से अवैध रूप से पैसे ले रही थीं।’’

चंद्रा ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सेबी चेयरपर्सन के साथ उनके मामले ने ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स के प्रस्तावित विलय सौदे को भी प्रभावित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह विलय सौदे को अलग करने का मुख्य कारण था। मैं इसीलिए आज सवाल कर रहा हूं कि सेबी से अल्पांश शेयरधारकों के हितों की रक्षा करने की उम्मीद की जाती है और वह सोनी को ज़ी के साथ विलय से रोकने में सफल रही।’’

चंद्रा ने यह भी दावा किया कि उन्होंने इस मामले के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा था, लेकिन उन्हें उसका कोई जवाब नहीं मिला।

बाजार नियामक सेबी ने पिछले साल आरोप लगाया था कि चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका ने कुछ संस्थाओं के ऋण चुकाने के लिए ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जेडईईएल) की 200 करोड़ रुपये की सावधि जमा (एफडी) का इस्तेमाल किया था।

चंद्रा और गोयनका दोनों को ही सेबी के अगले आदेश तक किसी भी सूचीबद्ध फर्म में निदेशक या प्रमुख प्रबंधन कर्मी का पद संभालने से रोक दिया गया था।

हालांकि, इस आदेश के खिलाफ प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) के समक्ष की गई अपील पर चंद्रा और उनके बेटे को राहत मिल गई।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय



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