बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन करने वाले विद्यार्थी अब बाढ़ राहत में जुटे

Ankit
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(तस्वीरों के साथ)


(प्रदीप्त तापदार)

ढाका, 31 अगस्त (भाषा) बांग्लादेश में भयंकर बाढ़ के मद्देनजर विद्यार्थी इस आपदा से प्रभावित लाखों लोगों के वास्ते बाढ़ राहत के काम में जी-जान से जुट गये हैं।

विद्यार्थियों के सामने आने पर ही देश में एक बड़ा जनांदोलन खड़ा हुआ था और शेख हसीना को सत्ता से हटना पड़ा था।

ढाका विश्वविद्यालय के छात्र रफीक ने कहा, ‘‘ यह सिर्फ राहत पहुंचाने की बात नहीं है बल्कि यह बदलाव लाने की बात है, जैसा हमने ‘मानसून क्रांति’ के दौरान किया था।’’

विद्यार्थियों ने परिसर में एक मानव श्रृंखला बनायी है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भेजे जाने वाले चावल एवं अन्य जरूरी सामानों की बोरियां ट्रकों में लाद रहे हैं।

बाढ़ से प्रभावित देश में विद्यार्थी संसाधन जुटाने एवं प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने में लगे हैं।

देश में बाढ़ के कारण कई लोगों की जान चली गयी है और करीब 50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस संकट ने विद्यार्थियों में राहत प्रयासों की खातिर जोश पैदा कर दिया है और उनका क्रांतिकारी उत्साह ऐसे हालत में चीजों को बचाने की शक्ति के रूप में ढल गया है।

भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने फेनी, चटगांव और सिलहट सहित 11 जिलों में तबाही मचा दी है। आपदा की भयावहता के सामने पारंपरिक राहत तंत्र बौना पड़ गया है। ऐसे में विद्यार्थियों की भूमिका प्राथमिक राहतकर्ताओं की हो गयी है।

राजधानी ढाका में विद्यार्थियों की सक्रियता राजनीतिक विरोध से हटकर अब बाढ़ राहत प्रयासों का रूप ले चुकी है।

ढाका विश्वविद्यालय में (स्नातक) राजनीति विज्ञान की तीसरी वर्ष की छात्रा सारा खान इन प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभा रही है।

खान ने कहा, ‘‘लोकतंत्र के वास्ते हमारा संघर्ष बदलाव लाने में अपनी क्षमता साबित कर चुका है। अब हम इस संकट के दौरान अपने देशवासियों की मदद करने में उसी प्रेरणा का उपयोग कर रहे हैं।’’

पांच अगस्त को ‘स्टूडेंट्स एगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के बैनर तले विद्यार्थियों के आंदोलन के कारण हसीना के 16 साल के शासन का अंत हो गया था।

अब, यह बदलाव क्रांतिकारी सक्रियता से मानवीय सहायता की ओर बढ़ रहा है।

बाढ़ आने के तुरंत बाद, ढाका, चटगांव और आसपास के क्षेत्रों से विद्यार्थी जीवन रक्षक जैकेट, खाने-पीने की चीजें, पेयजल, ट्रक और स्पीडबोट के साथ, फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए फेनी पहुंच गये, जो औपचारिक संगठन के अभाव के बावजूद उनकी हालिया सक्रियता और एकजुट संकल्प से प्रेरित था।

छात्र कार्यकर्ता रकीब मसुख ने कहा, ‘‘बाढ़ राहत के लिए कल रात तक लगभग सात करोड़ टका एकत्र किए गए और हमने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 120 ट्रक राहत सामग्री भेजी है। यहां ढाका विश्वविद्यालय, टीएससी भवन में हम चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। अब हमारे सामने अपने देशवासियों को बाढ़ से बचाने का काम है।’’

भाषा राजकुमार अविनाश

अविनाश

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