‘इंडस-एक्स’ शिखर सम्मेलन स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में अगले महीने आयोजित होगा

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(ललित के झा)


वाशिंगटन, 31 अगस्त (भाषा) भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (इंडस-एक्स) शिखर सम्मेलन का तीसरा संस्करण अगले महीने की शुरुआत में कैलिफोर्निया के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान, दोनों देशों के शीर्ष रक्षा अधिकारी सीमा पार नवोन्मेषी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार-विमर्श करेंगे।

अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री कोंडोलीजा राइस उन प्रमुख नेताओं में शामिल हैं, जो नौ और 10 सितंबर को ‘अमेरिका-भारत सामरिक एवं साझेदारी मंच’ (यूएसआईएसपीएफ) द्वारा स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के ‘गोर्डियन नॉट सेंटर फॉर नेशनल सिक्योरिटी इनोवेशन’ और ‘हूवर इंस्टीट्यूशन’ के साथ मिलकर आयोजित किए गए जा रहे शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

मीडिया के लिए जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि ‘इंडस-एक्स’ शिखर सम्मेलन रक्षा क्षेत्र में नवोन्मेष के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी संबंधी साझेदारी को मजबूत करने के वास्ते अमेरिका और भारत के शीर्ष नीति निर्माताओं को एक साथ लाएगा।

इसमें कहा गया है कि यह शिखर सम्मेलन रक्षा क्षेत्र में नवोन्मेष करने वाले स्टार्टअप, उद्यम पूंजी, शिक्षा और उद्योग जगत से जुड़े भारतीय व अमेरिकी नेताओं को जोड़ेगा तथा दोनों देशों में सह-उत्पादन एवं निवेश के अवसर प्रदान करेगा।

तीसरे ‘इंडस-एक्स’ शिखर सम्मेलन का विषय ‘सीमा पार रक्षा नवोन्मेष पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए निवेश के अवसरों को भुनाना’ है और इसमें रक्षा क्षेत्र में नवोन्मेष में निजी पूंजी/निवेश की भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा।

‘इंडस-एक्स’ को जून 2023 में भारतीय और अमेरिकी सरकारों, व्यवसायों, ‘इनक्यूबेटर’, निवेशकों और शिक्षाविदों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने के लिए शुरू किया गया था।

‘इंडस-एक्स’ में रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीईएक्स) भारतीय रक्षा मंत्रालय और रक्षा नवोन्मेष इकाई (डीआईयू) एवं रक्षा मंत्री कार्यालय (ओएसडी) अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (डीओडी) का नेतृत्व करते हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा से पहले ‘इंडस-एक्स’ शिखर सम्मेलन की शुरुआत की गई थी और इसका पहला संस्करण पिछले वर्ष 21 जून को वाशिंगटन डीसी में आयोजित किया गया था।

भाषा सिम्मी पारुल

पारुल



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