गुजरात पर असना चक्रवात का कोई बड़ा असर नहीं, ओमान की ओर बढ़ा

Ankit
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(तस्वीरों के साथ)


अहमदबाद/ भुज, 30 अगस्त (भाषा) गुजरात के कच्छ तट पर दिन में बना चक्रवाती तूफान ‘असना’ इलाके पर कोई बड़ा प्रभाव डाले बिना अरब सागर में ओमान की ओर बढ़ गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार शाम को यह जानकारी दी।

कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने बताया कि एहतियात के तौर पर स्थानीय प्रशासन ने करीब 3,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है तथा झोपड़ियों और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को अन्य इमारतों में आश्रय लेने को कहा गया है।

अरोड़ा ने बताया, ‘‘चूंकि चक्रवात पहले ही समुद्र की ओर बढ़ चुका है और ओमान की ओर जा रहा है, इसलिए तट पर इसका मामूली प्रभाव पड़ा है। कुछ बारिश और तेज गति से चल रही हवाओं को छोड़कर, यहां इसका कोई असर नहीं हुआ। किसी के घायल होने, मौत होने या किसी बड़ी संरचना के ढहने की तत्काल कोई खबर नहीं है।’’

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार शाम को जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि कच्छ तट और पाकिस्तान के समीपवर्ती क्षेत्रों पर बना गहरा दबाव ‘‘चक्रवाती तूफान असना में तब्दील हो गया है और पूर्वाह्न 11:30 बजे भुज से लगभग 190 किलोमीटर पश्चिम-उत्तरपश्चिम में केंद्रित है।’’

आईएमडी ने पहले कहा था कि क्षेत्र के ऊपर बना गहरा दबाव शुक्रवार सुबह तक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इसके बाद अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कदम उठाए।

आईएमडी की चेतावनी के बाद, कच्छ के जिलाधिकारी अरोड़ा ने एक वीडियो संदेश जारी कर अबडासा, मांडवी और लखपत तालुका में रह रहे लोगों से अपनी झोपड़ियों और कच्चे घरों को छोड़कर किसी स्कूल या अन्य इमारतों में शरण लेने के लिए कहा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि आईएमडी की चेतावनी के बाद, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बृहस्पतिवार रात गांधीनगर में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अरोड़ा से जिला प्रशासन की तैयारियों के बारे में बात की।

इसमें कहा गया था कि अगर गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात में तब्दील होता है तो इसका नाम ‘असना’ रखा जाएगा, जो पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया नाम है। यह एक दुर्लभ घटना है कि जमीन पर बना गहरा दबाव समुद्र में चक्रवाती तूफान में बदल गया है।

इतना ही नहीं, अगस्त में अरब सागर में चक्रवात का बनना भी दुर्लभ है।

आईएमडी ने चेतावनी दी थी कि ‘‘इस अवधि के दौरान समुद्र की स्थिति खराब रहेगी, ऊंची लहरें उठेंगी और गुजरात तट पर हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है।’’

भाषा धीरज माधव

माधव



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