नयी दिल्ली, 30 अगस्त (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय की इकाई डीजीटीआर ने घरेलू उद्योग को सस्ते आयात से बचाने के उद्देश्य से चीनी एल्युमीनियम फॉयल पर डंपिंगरोधी शुल्क लगाने की सिफारिश की है।
फॉयल का उपयोग खाद्य और खाद्य उत्पादों के संरक्षण के लिए पैकेजिंग सामग्री के रूप में किया जाता है।
घरेलू कारोबारियों की शिकायत के बाद, व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने चीन से ‘गैर-संधारित्र अनुप्रयोग के लिए 5.5 माइक्रोन से कम एल्युमीनियम फॉयल को छोड़कर 80 माइक्रोन तक के एल्युमीनियम फॉयल’ के आयात की जांच शुरू की।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, श्याम सेल एंड पावर लिमिटेड, श्री वेंकटेश्वर इलेक्ट्रोकास्ट, रवि राज फॉयल्स, जीएलएस फॉयल्स प्रोडक्ट और एलएसकेबी एल्युमीनियम फॉयल्स ने घरेलू उद्योग की ओर से जांच के लिए आवेदन दायर किया था।
निदेशालय ने निष्कर्ष निकाला है कि डंप किए गए आयात ने मात्रा और मूल्य दोनों स्तर पर घरेलू उद्योग के विकास को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किया है।
डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा कि प्राधिकरण ने अस्थायी रूप से निष्कर्ष निकाला है कि घरेलू उद्योग को जो भौतिक क्षति हुई है, वह चीन से डंप किए गए आयात के कारण हुई है।
इसने कहा, ‘‘इसके अनुसार, प्राधिकरण आयात पर डंपिंगरोधी शुल्क लगाने की सिफारिश करता है।’’
अनुशंसित शुल्क 619 डॉलर प्रति टन से लेकर 873 डॉलर प्रति टन के बीच है।
शुल्क लगाने का अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है।
भाषा राजेश राजेश अजय
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