रिलायंस का अल्पकालिक लाभ की जगह देश के लिए धन सृजन पर ध्यान: मुकेश अंबानी |

Ankit
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मुंबई, 29 अगस्त (भाषा) जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनका तेल से लेकर दूरसंचार तक का कारोबार करने वाला समूह अल्पकालिक लाभ कमाने और संपत्ति जमा करने के कारोबार में नहीं है, बल्कि उसका ध्यान देश के लिए धन सृजन पर है।


रिलायंस इंडस्ट्रीज लि. (आरआईएल) के शेयरधारकों की 47वीं सालाना आम बैठक में उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सभी कारोबार भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने वाले प्रमुख चालक बने हुए हैं और सफलता की गाथा बन गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम अल्पकालिक लाभ कमाने तथा धन संचय करने के व्यवसाय में नहीं हैं। हम भारत के लिए धन सृजन के व्यवसाय में हैं। हम उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद व सेवाएं प्रदान करने के कारोबार में हैं जो भारतीय उपभोक्ताओं के लिए दक्षता, उत्पादकता और जीवन को आसान बनाते हैं।’’

रिलायंस का लक्ष्य देश को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना तथा भावी पीढ़ियों के लिए विश्व को अधिक स्वच्छ तथा हरित बनाना है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंबानी ने कहा कि कंपनी का निदेशक मंडल पांच सितंबर को 1:1 के अनुपात में ‘बोनस शेयर’ जारी करने पर विचार करने के लिए बैठक करेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब रिलायंस बढ़ता है, तो हम अपने शेयरधारकों को अच्छा इनाम देते हैं।’’

अंबानी ने साथ ही कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और उन्नत विनिर्माण को रणनीतिक रूप से अपनाने से रिलायंस निकट भविष्य में दुनिया की शीर्ष-30 कंपनियों में अपना स्थान सुरक्षित कर लेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य अतीत की तुलना में कहीं अधिक उज्ज्वल है।

उन्होंने कहा, ‘‘रिलायंस ने वित्त वर्ष 2023-24 में शोध एवं विकास पर 3,643 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, जिससे पिछले चार वर्षों में शोध पर हमारा खर्च 11,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। हमारे सभी व्यवसायों में महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं पर 1,000 से अधिक वैज्ञानिक और शोधकर्ता काम कर रहे हैं।’’

मानव जाति के विकास में एआई को संभवतः सबसे बड़ा परिवर्तनकारी घटक बताते हुए अंबानी ने कहा कि इसने लोगों के समक्ष आने वाली अनेक जटिल समस्याओं के समाधान के अवसर खोले हैं।

उन्होंने कहा कि हालांकि साथ ही वैश्विक स्तर पर जारी संघर्ष वैश्विक शांति, स्थिरता और यहां तक ​​कि राष्ट्रों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।

अंबानी ने कहा, ‘‘ग्लोबल साउथ में बेहतर जीवन की बढ़ती आकांक्षाओं के बीच विकास संबंधी विषमताओं को नजरअंदाज करना अब न तो संभव है और न ही स्वीकार्य है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, इस अनिश्चित समय में भी, एक बात निश्चित है। वह निश्चितता है नए भारत का निरंतर उदय जो अमृत काल में विकसित भारत के लक्ष्य की ओर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।’’

अंबानी ने कहा कि जनसंख्या संबंधी लाभ और अपेक्षाकृत कम ऋण बोझ के साथ, भारत दुनिया के लिए सबसे बड़े विकास इंजनों में से एक है।

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का अनुमान है कि 2027 तक भारत जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर उतार-चढ़ाव के बावजूद, भारत दुनिया के लिए आकर्षक स्थल बना हुआ है। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सशक्त आबादी, बढ़ती आर्थिक शक्ति और शांति की सदियों पुरानी वकालत के साथ, हमारा देश दुनिया को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’

भाषा निहारिका रमण

रमण



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