नयी दिल्ली, 26 अगस्त (भाषा) चालू कैलेंडर साल की पहली छमाही जनवरी-जून, 2024 की अवधि में देश में लगभग 15 गीगावाट की रिकॉर्ड सौर क्षमता स्थापित की गई है। विलंब से चल रही परियोजनाओं को पूरा करने के काम में तेजी से ऐसा हुआ है। मेरकॉम कैपिटल की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
देश ने वर्ष 2023 की समान अवधि में 3.89 गीगावाट सौर क्षमता जोड़ी थी।
अमेरिका स्थित शोध फर्म मेरकॉम ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि पहली छमाही में भारत में सौर क्षमता की स्थापना 15 गीगावाट तक पहुंच गई, जो पिछले सभी वर्षों के रिकॉर्ड को पार कर गई। यह पिछले साल की पहली छमाही की तुलना में 282 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट कहती है कि सौर इकाइयों के डेवलपर ने देरी से चल रही परियोजनाओं को चालू करने में तेजी दिखाई। जून, 2024 तक, भारत की कुल स्थापित सौर क्षमता 87.2 गीगावाट हो गई जिसमें उपयोगिता-स्तरीय परियोजनाओं का योगदान लगभग 87 प्रतिशत था, और छत पर सौर ऊर्जा का योगदान 13 प्रतिशत से अधिक था।
भारत की स्थापित बिजली क्षमता में सौर ऊर्जा का योगदान 19.5 प्रतिशत और कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का 44 प्रतिशत से अधिक हो गया।
बड़े स्तर की सौर परियोजनाओं की औसत लागत में सालाना आधार पर लगभग 26 प्रतिशत और तिमाही स्तर पर दो प्रतिशत की कमी आई।
मेरकॉम कैपिटल ग्रुप के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) राज प्रभु ने कहा, ‘‘परियोजनाओं की मजबूत पाइपलाइन और तेजी से बढ़ती निविदा गतिविधियों का समय पर क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम कलपुर्जा आपूर्ति और ग्रिड संपर्क चुनौतियों से मुस्तैदी से निपटें ताकि 2030 तक 280 गीगावाट क्षमता का लक्ष्य पूरा कर सकें।’’
वर्ष 2024 की पहली छमाही में कुल 41.4 गीगावाट की परियोजनाओं के लिए निविदाएं जारी की गईं। यह पिछले साल की समान अवधि में जारी निविदा क्षमता से 51 प्रतिशत अधिक है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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