श्रीनगर, 22 अगस्त (भाषा) नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सभी 90 सीट पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा अब्दुल्ला के आवास पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व के साथ बैठक किए जाने के बाद यह घोषणा की गई है।
अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में काफी अच्छी रही। गठबंधन सही रास्ते पर है और अल्लाह ने चाहा तो यह सुचारू रूप से चलेगा। हम सभी 90 सीट के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।’’
जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरण के तहत चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होगा। नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
राहुल गांधी ने जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘गठबंधन हो रहा है और मुझे उम्मीद है कि गठबंधन चाहे जिस भी तरीके से बने, हमारे सैनिकों, कार्यकर्ताओं और कमांडरों को उचित सम्मान मिलेगा।’’
इससे पहले, श्रीनगर में उन्होंने कहा कि आजादी के बाद यह पहली बार है कि किसी राज्य का कद घटाकर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। केंद्रशासित प्रदेश राज्य बन गए हैं, लेकिन यह पहली बार है कि कोई राज्य केंद्रशासित प्रदेश बना है। हम अपने राष्ट्रीय घोषणापत्र में भी बहुत स्पष्ट हैं कि यह हमारे लिए प्राथमिकता है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार वापस मिलें।’’
नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।
अब्दुल्ला ने गठबंधन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता एमवाई तारिगामी की भागीदारी का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए गठबंधन भारी बहुमत से जीत हासिल करेगा।
गांधी ने आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन की प्राथमिकता है। उनके इस आश्वासन के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि सभी शक्तियों के साथ पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘राज्य का दर्जा हम सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसका हमसे वादा किया गया है। इस राज्य ने बुरे दिन देखे हैं और हमें उम्मीद है कि इसे पूरी शक्तियों के साथ बहाल किया जाएगा। इसके लिए हम ‘इंडिया’ गुट के साथ एकजुट हैं।’’
क्या दोनों दल किसी न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर सहमत हुए हैं, इस सवाल पर नेकां अध्यक्ष ने कहा कि न्यूनतम साझा कार्यक्रम का कोई सवाल ही नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा साझा कार्यक्रम देश में मौजूद विभाजनकारी ताकतों को हराने के लिए चुनाव लड़ना है।’’
पूर्ववर्ती राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनाव पूर्व या चुनाव बाद गठबंधन में महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मौजूदगी से भी इनकार नहीं किया।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘पहले हम चुनाव देखें, फिर हम उन चीजों पर गौर करेंगे। किसी के लिए कोई दरवाजा बंद नहीं है।’’
जब उनसे सीट बंटवारे की व्यवस्था पर सवाल किया गया, तो उन्होंने धैर्य रखने की बात कही।
उन्होंने कहा कि चुनाव के प्रथम चरण से पहले सबकुछ सामने आ जाएगा। अब्दुल्ला ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
अपना समर्थन व्यक्त करते हुए वरिष्ठ माकपा नेता तारिगामी ने नेकां-कांग्रेस गठबंधन की घोषणा का स्वागत किया और जोर देकर कहा कि यह क्षेत्र के राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक आवश्यक कदम था।
तारिगामी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम चुनाव के लिए नेकां-कांग्रेस और माकपा के गठबंधन के संबंध में फारूक अब्दुल्ला की घोषणा का स्वागत करते हैं।’’
भाषा संतोष नेत्रपाल
नेत्रपाल