बजट में राजकोषीय विवेक, स्थिरता के बीच सही संतुलन: आरबीआई लेख |

Ankit
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मुंबई, 19 अगस्त (भाषा) आम बजट में राजकोषीय विवेक और व्यापक स्थिरता के बीच सही संतुलन बनाया गया है और इससे मध्यम अवधि में वृद्धि का नजरिया मजबूत हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कर्मचारियों के एक लेख में सोमवार को यह बात कही गई।


आयुषी खंडेलवाल, हर्षिता यादव और अन्य ने केंद्रीय बैंक के मासिक बुलेटिन में प्रकाशित लेख में कहा कि 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट दस्तावेज में व्यापक आर्थिक स्थिरता को मजबूत करने और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता दोहन पर जोर दिया गया है।

लेख में कहा गया कि आम बजट 2024-25 राजकोषीय विवेक और व्यापक आर्थिक स्थिरता के बीच सही संतुलन बनाता है, जिससे मध्यम अवधि के लिए वृद्धि का नजरिया मजबूत होगा।

लेख में यह भी कहा गया है कि इसमें व्यक्त विचार केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

इसमें कहा गया कि बजट दस्तावेज का मकसद राजकोषीय समेकन को आगे बढ़ाते हुए वृद्धि और रोजगार सृजन को समर्थन देना है।

इसके मुताबिक, राजकोषीय घाटे को 4.9 प्रतिशत तक सीमित करने के साथ सरकार का इरादा इस आंकड़े को उस स्तर पर बनाए रखना है, जहां केंद्र सरकार का ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुपात में घटता रहेगा।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय



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