पुणे, नौ अगस्त (भाषा) अभियोजन पक्ष ने बृहस्पतिवार को कहा कि कल्याणी नगर पोर्श कार दुर्घटना में शामिल 17 वर्षीय नाबालिग के ही नहीं बल्कि उसके साथ आए दो दोस्तों के रक्त के नमूने भी यहां सरकारी ससून अस्पताल में बदले गए ताकि यह साबित किया जा सके कि वे नशे में नहीं थे। सत्र न्यायालय इस मामले में छह आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
इनमें नाबालिग के माता-पिता विशाल अग्रवाल और शिवानी अग्रवाल, ससून अस्पताल के डॉक्टर अजय तावड़े और डॉक्टर श्रीहरि हल्नोर तथा कथित बिचौलिए अश्पाक मकानदार और अमर गायकवाड़ शामिल हैं।
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद नाबालिग चालक को पर्यवेक्षण गृह से रिहा कर दिया गया है।
जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए विशेष अभियोजक शिशिर हिरे ने कहा कि डॉ. हल्नोर ने दुर्घटना के कुछ घंटों बाद कार चला रहे 17 वर्षीय किशोर और उसके दो दोस्तों के नमूने बदल दिए।
अभियोजक ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश यू.एम. मुधोलकर को बताया कि उन्होंने अग्रवाल और डॉक्टर तावड़े के निर्देश पर यह काम किया और इसके लिए उन्हें 2.5 लाख रुपये मिले।
मई महीने की 19 तारीख को पुणे के कल्याणी नगर क्षेत्र में नशे की हालत में एक नाबालिग द्वारा चलाई जा रही पोर्श कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी थी, जिसमें मध्य प्रदेश के दो आईटी पेशेवरों की मौत हो गई थी।
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शुभम प्रशांत
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