नयी दिल्ली, आठ अगस्त (भाषा) मीडिया संगठनों ने प्रसारण सेवा विधेयक के मसौदे के प्रावधानों पर चिंता व्यक्त करते हुए बृहस्पतिवार कहा कि यह डिजिटल मंच पर सामग्री को विनियमित और सेंसर करने के लिए बहुस्तरीय कानूनी प्रणाली बनाने का प्रयास करता है।
नब्बे से अधिक डिजिटल समाचार प्रकाशकों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन, ‘डिजीपब न्यूज इंडिया फाउंडेशन’ की महासचिव ऋतु कपूर ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संगठन ने सरकार से मसौदा विधेयक पर परामर्श प्रक्रिया का हिस्सा बनने की अनुमति मांगी थी, लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चुनिंदा हितधारकों के साथ बंद कमरे में विचार-विमर्श किया है तथा डिजिटल मीडिया संगठनों और नागरिक समाज के संगठनों के साथ अब तक कोई बड़ी चर्चा नहीं हुई है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अनंत नाथ ने कहा, “प्रसारण सेवा विधेयक देश में सामग्री को विनियमित, नियंत्रित, निगरानी और सेंसर करने के लिए बहुस्तरीय कानूनी प्रणाली बनाने की दिशा में एक और कदम है, जिसकी शुरुआत 2021 में आईटी नियमों के साथ हुई थी।”
सरकार ने पिछले साल नवंबर में प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक 2023 का मसौदा जारी किया था, जिसका उद्देश्य प्रसारण क्षेत्र के लिए एक समेकित कानूनी ढांचा लाना और ओटीटी (डिजिटल मंच) सामग्री, डिजिटल समाचार और समसामयिक मामलों को भी इसके दायरे में लाना है।
भाषा
नोमान नेत्रपाल
नेत्रपाल