नयी दिल्ली, पांच जुलाई (भाषा) नीति आयोग कर्ज लेने वालों के लिए बैंक के अलावा अन्य विकल्प उपलब्ध कराने को कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को व्यापक बनाने के प्रस्तावों पर काम कर रहा है। आयोग ने 2023-24 की सालाना रिपोर्ट में यह कहा है।
कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को उधारकर्ताओं के लिए बैंक वित्त के विकल्प के रूप में देखा जाता है। इससे कंपनियों को प्रतिस्पर्धी लागत पर लंबे समय के लिए धन जुटाने में मदद मिलती है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘नीति आयोग उधारकर्ताओं के लिए बैंक वित्त का विकल्प उपलब्ध कराने के लिए कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को व्यापक बनाने को प्रमुख नीतिगत सिफारिश की प्रक्रिया में है…।’’
इसके अनुसार, कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार लंबी अवधि के वित्तपोषण के लिए कम लागत में कोष जुटाने का बेहतर जरिया है। साथ ही यह वित्तीय स्थिरता में भी उल्लेखनीय योगदान देता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति आयोग ने भारतीय सांख्यिकी व्यवस्था से संबंधित मुद्दों की जांच करने और संचालन के लिए आंकड़ों का लाभ उठाने को लेकर एक समेकित रणनीति बनाने के मकसद से अपने उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक कार्यबल का गठन किया है।
इसमें कहा गया है कि कार्यबल ने सर्वेक्षण की गुणवत्ता में सुधार, सर्वेक्षण आंकड़ों के सामंजस्य और आंकड़ों के उपयोग के मामलों की पहचान करने के संबंध में विशिष्ट क्षेत्रों का गहन मूल्यांकन करने और समाधान प्रस्तावित करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन करने का निर्णय लिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘…विशेषज्ञ समूह पोषण, श्रम और कारोबारी सांख्यिकी के क्षेत्रों में आधारभूत अध्ययन और विश्लेषण करेगा।’’
भाषा रमण अजय
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