वायनाड, चार अगस्त (भाषा) केरल में वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित इलाकों में बचाव अभियान रविवार को छठे दिन भी जारी रहा। अधिकारियों ने शवों का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं और अज्ञात शवों के लिए सामूहिक कब्र भी तैयार कर ली है।
इस बीच, राज्य में मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में दान देने और इस प्राकृतिक आपदा को ‘राष्ट्रीय आपदा’ के रूप में वर्गीकृत करने पर चर्चा जारी है।
रविवार को, उन क्षेत्रों में अधिक कर्मियों और उपकरणों को तैनात किया गया, जहां शव मिलने की संभावना अधिक है और ड्रोन-आधारित ‘इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम’ का उपयोग उन स्थानों की पहचान करने के लिए किया गया, जहां शव शिलाओं के नीचे दबे हो सकते हैं।
बचाव कार्यों को आगे बढ़ाते हुए, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), के-9 डॉग स्क्वायड, सेना, विशेष अभियान समूह, मद्रास इंजीनियरिंग समूह, पुलिस, अग्निशमन बल, वन विभाग, नौसेना और तटरक्षक बल सहित विभिन्न बलों के सैकड़ों कर्मियों को आपदाग्रस्त क्षेत्रों में तैनात किया गया।
राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन के अनुसार, अब तक 221 शव और 166 मानव अंग बरामद किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा फोन पर कुछ लोगों से संपर्क किये जाने के बाद लापता लोगों की संख्या 206 से घटकर 180 हो गई है।
वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड से होकर बहने वाली चालियार नदी के किनारे भी तलाशी अभियान जारी है।
अधिकारियों ने बताया कि चालियार नदी में कुल 74 शव और 134 मानव अंग मिले हैं, जिससे कुल संख्या 208 हो गई है।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आज केरल पुलिस की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए बचाव अभियान में पुलिस और अग्निशमन बल के वीरतापूर्ण प्रयासों की सराहना की।
केंद्रीय पर्यटन, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए आज वायनाड पहुंचे। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र वायनाड भूस्खलन को ‘राष्ट्रीय आपदा’ के रूप में वर्गीकृत करने की विभिन्न हलकों से की जा रही मांग के पीछे की वैधता की जांच करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘प्रभाव का अध्ययन किया जाना चाहिए।’’
मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद उन्होंने जो कुछ भी देखा और समझा, उससे वे केंद्र सरकार को अवगत कराएंगे।
केरल को केंद्र द्वारा दी जाने वाली सहायता के संबंध में गोपी ने कहा कि राज्य को नुकसान का आकलन करना होगा और अनुरोध करना होगा।
मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष (सीएमडीआरएफ) में दान के बारे में सोशल मीडिया पर विवाद पैदा करने का प्रयास भी चर्चा में रहा, खासकर कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) द्वारा भूस्खलन से तबाह हुए वायनाड के पुनर्निर्माण के लिए राज्य सरकार को दिए गए सहयोग के कारण। कांग्रेस ने कहा कि उसके सभी विधायक इस कोष में अपना एक महीने का वेतन देंगे।
वायनाड जिले में भूस्खलन राहत के लिए सीएमडीआरएफ को दिए गए दान के बारे में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, केरल सरकार ने रविवार को कोष के उपयोग के बारे में प्रश्नों का समाधान करने के लिए एक अस्थायी शिकायत निवारण प्रकोष्ठ की स्थापना की।
यह निर्णय सीएमडीआरएफ को दिए जाने वाले दान के खिलाफ कुछ लोगों द्वारा चलाये जा रहे दुष्प्रचार अभियान और आलोचनाओं के मद्देनजर लिया गया है।
सीएमडीआरएफ में योगदान की घोषणा करते हुए विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने यह भी कहा कि यूडीएफ सभी पुनर्वास प्रयासों में भाग लेगा और भूस्खलन में जीवित बचे हुए लोगों के जीवन में सामान्य स्थिति बहाल करने की दिशा में काम करेगा।
उन्होंने कहा कि पुनर्वास प्रयासों के साथ-साथ दुनिया में उपलब्ध सभी तकनीकी सहायता का उपयोग चेतावनी तंत्र स्थापित करने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चेतावनी जारी होने के बाद कम समय के भीतर लोगों को निकालने की उचित योजना भी होनी चाहिए।
केरल के वायनाड जिले में हुई भूस्खलन की घटनाओं के कारण विस्थापित लोगों के पुनर्वास के लिए एक ‘टाउनशिप’ बनाये जाने संबंधी मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की घोषणा के एक दिन बाद, राज्य के उद्योग मंत्री पी राजीव ने रविवार को कहा कि इसके लिए एक मॉडल परियोजना तैयार की जाएगी।
इस बीच, मंत्री राजन ने कहा कि अज्ञात या लावारिस शवों और मानव अंगों को सामूहिक रूप से दफनाने की तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि एक दिन पहले पांच शवों को दफनाया गया था और रविवार को आठ और शवों को यहां हैरिसन्स मलयालम लिमिटेड की जमीन पर तैयार कब्रों में दफनाया जाएगा, जिसे इस उद्देश्य के लिए अधिग्रहित किया गया है। उन्होंने कहा कि शवों को सभी धर्मों की प्रार्थनाओं और अंतिम संस्कारों के बीच दफनाया जाएगा।
भाषा अमित नेत्रपाल
नेत्रपाल