नयी दिल्ली, तीन अगस्त (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि संघीय व्यवस्था में राज्यपाल केंद्र और राज्यों के बीच कड़ी हैं, वहीं उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राज्यपालों को राज्य सरकारों से जानकारी मांगने में संकोच नहीं करना चाहिए।
राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन में, अपने समापन संबोधन में मुर्मू ने कहा कि जन कल्याण और समग्र विकास के लिए सभी संस्थाओं का सुचारू संचालन बहुत महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि सम्मेलन में विभिन्न संस्थाओं के बीच बेहतर समन्वय बनाने के उद्देश्य से चर्चा हुई।
बयान में कहा गया, ‘‘राज्यपाल भारत की संघीय व्यवस्था में केंद्र और राज्यों के बीच कड़ी हैं।’’
राष्ट्रपति मुर्मू ने विश्वास जताया कि राज्यपालों के समूहों द्वारा दिए गए सुझावों के अनुसार, सहकारी संघवाद और केंद्रीय संस्थानों के आपसी समन्वय को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्यपालों की जिम्मेदारी नागरिकों के लिए आदर्श उदाहरण स्थापित करने की है। उन्होंने कहा, ‘‘यदि वे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उदाहरण स्थापित करते हैं, तो यह न केवल उनकी पहचान बनेगी, बल्कि लोगों का मार्गदर्शन भी करेगी।’’
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन ने इसमें भाग लेने वाले सभी लोगों के मन पर अमिट छाप छोड़ी है, जिन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि राज्यपालों को प्रभावी कामकाज के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने में संकोच नहीं करना चाहिए।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्यपालों से राजभवनों में शासन का आदर्श मॉडल विकसित करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि राजभवनों के प्रभावी संचालन के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का निरंतर प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यपालों से अपने कामकाज में प्रौद्योगिकी को अपनाने और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।
सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत राज्यपालों के छह समूहों द्वारा अपने विचार-विमर्श के आधार पर प्रस्तुतीकरण देने और भविष्य की रूपरेखा सुझाने के साथ हुई।
राज्यपालों के समूहों द्वारा प्रस्तुत सभी रिपोर्ट के अवलोकन के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनके प्रयासों की प्रशंसा की तथा कहा कि राज्यपालों और राजभवनों के कामकाज को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी कार्रवाई योग्य बिंदुओं पर विचार किया जाएगा।
भाषा सुभाष शफीक
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