मुंबई, एक अगस्त (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बृहस्पतिवार को डॉलर के मुकाबले रुपया पांच पैसे की गिरावट के साथ 83.73 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। डॉलर की मांग में वृद्धि और कच्चे तेल कीमतों में तेजी से रुपये में गिरावट आई।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा निकट भविष्य में ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए जाने के बाद विदेशी बाजारों में अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के कारण रुपया मजबूती के साथ 83.67 पर खुला।
हालांकि, रुपया अपनी बढ़त बरकरार रखने में विफल रहा और बाद में दिन के सबसे निचले स्तर 83.75 तक चला गया। कारोबार के अंत में रुपया अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले पांच पैसे की गिरावट के साथ 83.73 (अस्थायी) पर बंद हुआ।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में बुधवार को रुपया अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 83.68 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कमजोर डॉलर से प्राप्त लाभ मासांत की डॉलर मांग और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों की वजह से जाता रहा।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक आरंभिक निचले स्तर से उबरता हुआ 0.29 प्रतिशत की तेजी के साथ 104.17 पर बंद हुआ।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.78 प्रतिशत बढ़कर 81.47 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 126.21 अंक की तेजी के साथ 81,867.55 अंक के रिकॉर्ड उच्चस्तर पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 59.75 अंक की तेजी के साथ पहली बार 25,000 अंक के स्तर को लांघ गया।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बुधवार को शुद्ध रूप से 3,462.36 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
इस बीच, नये ऑर्डर और उत्पादन में धीमी वृद्धि के कारण भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जून के 58.3 से घटकर जुलाई में 58.1 रह गई, जबकि लागत दबाव और मांग में मजबूती के कारण अक्टूबर, 2013 के बाद से बिक्री कीमतों में सबसे अधिक वृद्धि हुई।
भाषा राजेश
राजेश अजय
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