(भरत शर्मा)
शेटराउ, 31 जुलाई ( भाषा ) ओलंपिक में 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने स्वप्निल कुसाले महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी से प्रेरणा लेते हैं जो कैरियर की शुरूआत में उन्हीं की तरह रेलवे में टिकट संग्राहक थे ।
महाराष्ट्र के कोल्हापूर के कंबलवाड़ी गांव के रहने वाले 29 वर्ष के कुसाले 2012 से अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खेल रहे हैं लेकिन ओलंपिक पदार्पण के लिये उन्हें 12 साल इंतजार करना पड़ा ।
धोनी की ही तरह ‘कूल’ रहने वाले कुसाले ने विश्व कप विजेता क्रिकेट कप्तान पर बनी फिल्म कई बार देखी ।
उन्होंने क्वालीफिकेशन के बाद पीटीआई से कहा ,‘‘ मैं निशानेबाजी में किसी खास खिलाड़ी से मार्गदर्शन नहीं लेता । लेकिन अन्य खेलों में धोनी मेरे पसंदीदा हैं । मेरे खेल में भी शांतचित्त रहने की जरूरत है और वह भी मैदान पर हमेशा शांत रहते थे । वह भी कभी टीसी थे और मैं भी हूं ।’’
कुसाले 2015 से मध्य रेलवे में काम करते हैं । उनके पिता और भाई जिला स्कूल में शिक्षक हैं और मां गांव की सरपंच हैं ।
उन्होंने अपने प्रदर्शन पर कहा ,‘‘ अभी तक अनुभव बहुत अच्छा रहा है । मुझे निशानेबाजी पसंद है और मुझे खुशी है कि इतने लंबे समय से कर पा रहा हूं । मनु भाकर को देखकर आत्मविश्वास आया है । वह जीत सकती है तो हम भी जीत सकते हैं ।’’
भाषा मोना नमिता
नमिता