नयी दिल्ली, 31 जुलाई (भाषा) भारत को आपूर्ति श्रृंखला परिषद का उप प्रमुख चुना गया है। यह परिषद 14 सदस्यीय आईपीईएफ ब्लॉक द्वारा गठित तीन निकायों में से एक है। वाणिज्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
भारत और इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के 13 अन्य साझेदारों ने आपूर्ति श्रृंखला को जुझारू बनाने के आईपीईएफ के समझौते के तहत तीन निकायों की स्थापना की है। यह समझौता इस साल फरवरी में लागू हुआ।
मंत्रालय के अनुसार, आपूर्ति श्रृंखला परिषद (एससीसी), संकट प्रतिक्रिया तंत्र (सीआरएन) और श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड (एलआरएबी) की ऑनलाइन हुई उद्घाटन बैठकों ने क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन मजबूत करने के लिए साझेदार देशों के बीच सहयोग के लिए एक कदम आगे बढ़ाया।
इस समझौते से आपूर्ति शृंखला में आने वाले झटकों से उत्पन्न होने वाले आर्थिक व्यवधानों के जोखिम को कम करने तथा संकट समन्वय में सुधार करने में मदद मिलेगी। इससे भारत जैसे सदस्य देशों को चीन पर अपनी निर्भरता कम करने तथा संभावित आपूर्ति व्यवधानों के बारे में आईपीईएफ सदस्य देशों को समय पर सूचना उपलब्ध कराने में भी मदद मिलेगी।
इसमें कहा गया, ‘‘ बैठकों में तीनों आपूर्ति श्रृंखला निकायों में से प्रत्येक ने एक प्रमुख और एक उप प्रमुख का चुनाव किया, जो दो वर्ष की अवधि के लिए कार्य करेंगे।’’
परिषद तथा बोर्ड का प्रमुख अमेरिका है, जबकि तंत्र के लिए प्रमुख तथा उप प्रमुख कोरिया और जापान होंगे। फिजी श्रम बोर्ड का उप प्रमुख होगा।
आईपीईएफ की शुरुआत 23 मई 2022 को तोक्यो में की गई। इसके सदस्य ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका हैं। यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों लचीली, सतत और समावेशी आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में सहयोग करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसका मकसद क्षेत्र में सहयोग, स्थिरता तथा समृद्धि में योगदान देना है।
आईपीईएफ में सहयोग के चार स्तंभ व्यापार, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, स्वच्छ अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था है।
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