नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) के चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही के शुद्ध लाभ में 81 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है।
रिफाइनरी तथा विपणन लाभ में कमी तथा सरकार नियंत्रित दरों पर घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की लागत से कम दाम पर बिक्री की वजह से कंपनी का मुनाफा घटा है।
आईओसी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में उसका एकल शुद्ध लाभ 2,643.18 करोड़ रुपये रहा है, जो एक साल पहले समान तिमाही में 13,750.44 करोड़ रुपये था।
जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी ने 11,570.82 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। इस तरह जनवरी-मार्च तिमाही की तुलना में भी कंपनी के मुनाफे में बड़ी गिरावट आई है।
कंपनी ने समीक्षाधीन तिमाही में प्रत्येक बैरल कच्चे तेल को ईंधन में बदलने पर 6.39 अमेरिकी डॉलर कमाए। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का सकल रिफाइनिंग मार्जिन 8.34 डॉलर प्रति बैरल था। डाउनस्ट्रीम ईंधन खुदरा कारोबार से कर-पूर्व आय 77 प्रतिशत घटकर 4,299.96 करोड़ रुपये रह गई।
आईओसी से पहले बीपीसीएल और एचपीसीएल की कमाई में भी पहली तिमाही में गिरावट आई है।
इसके अलावा, आईओसी को इस तिमाही में 5,156.23 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी का भुगतान भी नहीं किया गया है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के आदेश के अनुसार, जब एलपीजी सिलेंडर का बाजार निर्धारित मूल्य (एमडीपी) ग्राहक के लिए उसकी प्रभावी लागत (ईसीसी) से कम होता है, तो पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) को भविष्य में समायोजन के लिए अंतर को एक अलग ‘बफर’ खाते में रखना होता है।
आईओसी ने कहा, ‘‘ हालांकि, 30 जून 2024 तक कंपनी के पास 5,156.53 करोड़ रुपये का संचयी शुद्ध नकारात्मक ‘बफर’ था, क्योंकि खुदरा बिक्री मूल्य एमडीपी से कम था।’’
सरकार को सब्सिडी के माध्यम से इसकी पूर्ति करनी है।
भाषा निहारिका अजय
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