भारत में चीनी निवेश को समर्थन देने पर पुनर्विचार नहीं: गोयल |

Ankit
2 Min Read



(फाइल फोटो के साथ)

नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मंगलवार को कहा कि सरकार चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को समर्थन देने पर पुनर्विचार नहीं कर रही है, जैसा कि हाल में आर्थिक समीक्षा में कहा गया था।

उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी रिपोर्ट है जो नए विचारों के बारे में बात करती है।

गोयल ने कहा कि यह समीक्षा सरकार के लिए बिल्कुल भी बाध्यकारी नहीं है। देश में चीनी निवेश को समर्थन देने पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।

मंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘ देश में चीनी निवेश को समर्थन देने पर फिलहाल कोई पुनर्विचार नहीं किया जा रहा है।’’

सरकार ने 2020 में भारत के साथ सीमा साझा करने वाले देशों से एफडीआई के लिए उसकी मंजूरी अनिवार्य कर दी।

भारत के साथ स्थलीय सीमा साझा करने वाले देश चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमा और अफगानिस्तान हैं।

चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच संसद में 22 जुलाई को पेश बजट-पूर्व आर्थिक समीक्षा 2023-24 में स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और निर्यात बाजार का दोहन करने के लिए पड़ोसी देश चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ाने की वकालत की गई थी।

मंत्री ने इसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए यह बयान दिया।

आर्थिक समीक्षा में कहा गया था, चूंकि अमेरिका तथा यूरोप अपनी तात्कालिक आपूर्ति चीन से हटा रहे हैं, इसलिए पड़ोसी देश से आयात करने के बजाय चीनी कंपनियों द्वारा भारत में निवेश करना और फिर इन बाजारों में उत्पादों का निर्यात करना अधिक प्रभावी है।

भाषा निहारिका

निहारिका



Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *