मेरठ, पांच अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की एक अदालत ने करीब 16 वर्ष पुराने एक सनसनीखेज हत्याकांड के मामले में सोमवार को दो सगे भाइयों समेत 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने दो अगस्त को सुनवाई पूरी करने के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया था और सोमवार को सजा सुनाई गयी।
फैसला सुनाये जाने के दौरान अदालत में बड़ी संख्या में पुलिस और प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) के जवान तैनात किये गये थे।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) मुकेश मित्तल ने बताया कि इस मामले में दो अगस्त को अपर जिला न्यायाधीश (स्पेशल कोर्ट एंटी करप्शन-द्वितीय) पवन कुमार शुक्ला की अदालत ने इजलाल कुरैशी और उसके भाई अफजाल, महराज, कल्लू उर्फ कलुआ, इजहार, मुन्नू ड्राइवर उर्फ देवेंद्र आहूजा, वसीम, रिजवान और बदरुद्दीन तथा एक महिला शीबा सिरोही पर लगाए गए आरोपों को सही मानते हुए सभी को दोषी करार दिया था।
अदालत ने सोमवार को दोषियों को सजा सुनाने के साथ ही सभी पर कुल 1.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 23 मई 2008 को बागपत और मेरठ जिले की सीमा पर बालैनी के पास हिंडन नदी के किनारे तीन युवकों के शव मिले थे। इनकी पहचान सुनील ढाका (27) निवासी जागृति विहार, पुनीत गिरि (22) निवासी परीक्षितगढ़ रोड और सुधीर उज्जवल (23) निवासी गांव सिरसली, बागपत के रूप में हुई थी।
पुलिस जांच में पता चला था कि 22 मई की रात तीनों की हत्या मेरठ जिले के कोतवाली थाना इलाके के गुदड़ी बाजार में हाजी इजलाल कुरैशी ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर की थी।
पुलिस ने इस मामले में 14 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
मामले के दो आरोपियों की मौत हो चुकी है जबकि घटना के समय नाबालिग रहे एक आरोपी का मामला दूसरी अदालत में चल रहा है और एक अन्य आरोपी का मामला उच्च न्यायालय में लंबित है।
भाषा सं आनन्द जितेंद्र
जितेंद्र